रांची: कोरोना सैंपल की जांच का पूरा ब्योरा अपलोड नहीं करने वाले निजी लैब के खिलाफ जिला प्रशासन ने अब कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. सभी ब्योरा अपलोड करने के लिए निजी लैब और अस्पतालों को दो दिन का समय दिया गया है. दो दिनों में पूरा ब्योरा अपलोड नहीं हुआ और हर दिन की अद्यतन रिपोर्ट प्रशासन को नहीं भेजने वालों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगा.
उपायुक्त छवि रंजन ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है. अब तक तीन निजी अस्पतालों को शो कॉज कर भी दिया गया है. निजी अस्पताल कोरोना मरीज, बेड, ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटर का ब्योरा जिला प्रशासन को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं.
जिला प्रशासन ने सभी कोविड अस्पतालों को इसका ब्योरा फैसिलिटी एप पर हर दिन अपलोड करने का आदेश दिया है, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने हर दिन डाटा अपलोड करने का निर्देश दिया है. डाटा फैसिलिटी एप पर अपलोड करना है.
उपायुक्त ने इसे गंभीरता से लिया और सभी को अंतिम मौका दिया है. सभी निजी अस्पतालों के संचालकों को अस्पताल के संसाधनों का ब्योरा देना है. मरीजों की भर्ती और डिस्चार्ज का ब्योरा भी हर दिन अपलोड करना होगा. डाटा अपलोड नहीं करने से जिले के आंकड़े भी सही नहीं हो रहे हैं. निजी अस्पतालों की लापरवाही के कारण अब तक मात्र 45 प्रतिशत आंकड़े ही अपडेट हुए हैं.
सैंपल देने वालों का ब्योरा भी अपडेट नहीं
रांची के निजी लैब में कोरोना जांच के लिए सैंपल देने वालों का ब्योरा लेने में भी लापरवाही बरती जा रही है. सैंपल लेने वालों का मोबाइल नंबर और पते की तुरंत जांच नहीं की जा रही है. इस कारण जिले में करीब 300 ऐसे लोग हैं जिनके मोबाइल अभी तक स्वीच ऑफ या नंबर का अस्तित्व नहीं बता रहा है. कई लोगों का पता भी सही नहीं है. निजी लैब संचालकों को सभी सैंपल देने वालों का ब्योरा सही तत्काल जांच करने का निर्देश दिया गया है.