रांची: इस साल 19 वर्ष बाद स्वतंत्रता दिवस और राखी एक ही दिन होगी। रक्षाबंधन का पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। यह दिन देव गुरु बृहस्पति का दिन माना जाता है। मान्यता है कि देवगुरु बृहस्पति ने देवराज इंद्र की विजय प्राप्ति के लिए इंद्र की पत्नी को रक्षा सूत्र बांधने को कहा था। इसके बाद से पर्व की शुरुआत हुई थी। इस बार सौभाग्य और सिद्धि योग में भाई की कलाई पर 15 अगस्त को बहनें रेशम की डोर बांधेंगी। ज्योर्तिविदों के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन के एक दिन पहले भद्रा का दोष मिटने और चार दिन पहले देव गुरु बृहस्पति के मार्गी होने से पर्व की शुभता बढ़ गई है। पर्व पर भद्रा का साया नहीं पड़ने से दिन भर राखी बांधी जा सकेगी। पूूर्णिमा तिथि 14 अगस्त बुधवार को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट से शुरू होगी जो अगले दिन से 15 अगस्त गुरुवार को शाम पांच बजकर 58 मिनट तक रहेगी। इस वर्ष भद्रा रक्षाबंधन के एक दिन पहले 14 अगस्त बुधवार की दोपहर 3 बजकर 45 मिनट से तड़के 4 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। शुभ श्रवण नक्षत्र भी 14 अगस्त की सुबह पांच बजकर 19 मिनट से दूसरे दिन 15 अगस्त की सुबह 8 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। 14 अगस्त को ही सुबह 11 बजकर 14 मिनट पर सौ•ााग्य योग लगेगा जो दूसरे दिन 15 अगस्त को सुबह 11 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शोभन योग लगेगा।
रक्षासूत्र बांधने के शुभ मुहूर्त
शुभ : सुबह 06.04 से 07.40 और शाम 5.17 से 06.53 बजे तक।
चर : सुबह 10.52 बजे से दोपहर 12.28 और रात 08.18 से 09.41 बजे तक।
लाभ : दोपहर 12.29 से 02.04 बजे तक।
अमृत : शाम 06.54 से रात 08.17 बजे तक।
श्रवण कुमार पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त
दोपहर : 12. 04 बजे से 12.28 बजे तक (अभिजीत+चर)