रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सभी का जोहार करते हुए कहा कि बहुत दिनों के बाद आज बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर आने का मौका मिला है. आज का दिन देवघर वासियों के लिए कई मायनों में खास है. आप सभी की सुविधा के लिए भव्य नगर निगम कार्यालय का उद्घाटन करने का मौका मिला है, साथ ही बाबा नगरी के लिए देवघर शहरी जलापूर्ति परियोजना का शिलान्यास भी किया गया है. देवघर शहर झारखण्ड राज्य की सांस्कृतिक राजधानी भी है. ऐसे में देवघर शहर में पहले से चल रहे आंशिक जलापूर्ति को सुधार कर सभी 36 वार्डों के शतप्रतिशत घरों में जलापूर्ति योजना हेतु व्यापक योजना तैयार की गयी है. हमारी सरकार 2022 तक झारखण्ड के हर गांवों को पेयजल से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्र के श्रमिक को बनाया जायेगा सशक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में रोजगार के अभाव व दिहाड़ी मजदूरों के सुविधा को देखते हुए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की शुरूआत की गयी है. वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को लेकर जो तनाव था, उसे काफी हद तक सरकार ने कम करने का प्रयास किया है. ग्रामीण क्षेत्र में करोड़ों मानव दिवस सृजित करने में सरकार सफल भी रही है. शहरी क्षेत्रों में भी कार्य के अभाव को देखते हुए योजना का शुभारंभ रांची से किया गया था. उन्होंने कहा कि इस योजना से शहरी जनसंख्या लोग, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, उन्हें लाभान्वित करने का लक्ष्य है. योजना से पांच लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे. साथ हीं श्रमिकों द्वारा आवेदन करने के पश्चात उन्हें 15 दिनों के भीतर रोजगार मिलने की गारंटी है. उद्देश्य स्पष्ट है कि झारखण्ड राज्य में कोई भी गरीब या मजदूर पैसे के अभाव में कष्ट न सहें. मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का क्रियान्वयन झारखण्ड राज्य के सभी 51 नगर निकायों में किया जा रहा है, जिसके तहत राज्य के शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले गरीब परिवारों को गारंटीयुक्त 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन से पूर्व किसी को इस बात का अनुमान नहीं था कि राज्य से कितने लोग विभिन्न राज्यों में कार्य करने जाते हैं. इसकी जानकारी लॉकडाउन के दौरान ही हुई. करीब दस लाख लोग रोजगार के लिए विभिन्न राज्यों में जाया करते थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड के श्रमिकों को ट्रेन व एअरलिफ्ट करा कर वापस अपने घर लाने वाला पहला राज्य झारखंड बना. श्रमिकों के लिए लगातार राहत कार्य में सरकार जुटी रही. करीब 25 करोड़ की राशि डीबीटी के माध्यम से श्रमिक भाइयों के खाते में भेजी गई ताकि लॉकडाउन में भी उनका जीवन यापन हो सके. राज्य में भी इस आपदा की घड़ी में भूख से किसी की मृत्यु नहीं हुई ये हम सभी के लिए सुखद है। लॉकडाउन के दौरान शुरू की गई दीदी किचन, मुख्यमंत्री दाल-भात केन्द्र के माध्यम से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लाखों लोगों को भोजन प्राप्त हुआ और इसका श्रेय हमारे जेएसएलपीएस के दीदियों को जाता है, जिन्होंने अपनी जान की प्रवाह किये बगैर लोगों को निःस्वार्थ भाव से सेवा की है.
आज इस विपरित परिस्थिति के बीच हम सभी राज्य को सामान्य बनाने में लगे हुए हैं और यही वजह है कि लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा व मजबूरीवश बाबा मंदिर को भी बंद किया गया, जिसे अब धीरे-धीरे अब खोला जा रहा है. इसके अलावा कोविड-19 के प्रकोप व लाॅकडाउन के वजह से प्रभावित लोगों की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत सुक्ष्म वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए उन्हें सशक्त व स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
कोरोना संक्रमण के इस जंग में आप सभी सरकार का सहयोग करें, ताकि इस बीमारी से हम जीत सकें
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि वर्तमान में कोरोना कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए हम सभी को सतर्क, सजग और सावधान रहने की आवश्यकता है. सबसे महत्वपूर्ण है कि चेहरे और नाक को अच्छे से मास्क या रूमाल से ढंक कर रखें एवं एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच दो से चार मीटर तक की दूरी बना कर रहें और जमघट लगाने से परहेज करें. स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखते हुए अपने हाथो को थोड़े समय के अंतराल पर साबुन या हैंडवॉश से अवश्य धोएं.