रांची : लाॅकडाउन प्रभाव के उपरांत त्यौहारिक सीजन में सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी का पालन करते हुए अर्थव्यवस्था की गति और ग्राहकों के बीच खरीदारी करने की क्षमता के आकलन हेतु आज चैंबर भवन में रिटेलर, इलेक्ट्राॅनिक्स, काॅस्मेटिक्स, जूता-चप्पल, मोबाइल फोन, फर्नीचर, बर्तन सहित अन्य उत्पादों के व्यापार से जुडे व्यापारियों के साथ बैठक संपन्न हुई। बैठक में लाॅकडाउन की चुनौतियों से निपटने के उपरांत व्यापारी किस प्रकार अपने व्यापार को पुनः पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं, पर गहन चर्चा हुई। व्यापारियों ने कहा कि लाॅकडाउन के चलते बंद आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से पटरी पर लौट रही हैं। हालांकि कोविड का प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है जिस कारण लोग अभी घरों से निकलने से बच रहे हैं। मार्केट में नकदी प्रवाह की समस्या भी बनी हुई है। लोग दुकानों में जाकर पर्चेस करने के बजाय, ऑनलाइन ऑर्डर करना पसंद कर रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को थोडी मुश्किल हो रही है।
चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि सरकार के करों में बढोत्तरी और कारों की बिक्री में बढोत्तरी के आंकडों ने त्यौहारों के मौसम में आर्थिक दृष्टि से अच्छे संकेत दिये हैं। हालांकि इन सेक्टर्स के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद कई सेक्टर्स अभी भी ऐसे हैं जो पटरी पर नहीं लौट सके हैं और मुश्किलों के दौर से गुजर रहे हैं। यह समस्या छोटे व्यापारियों के साथ अधिक है क्योंकि एक बार यदि उनका व्यापार बंद हो जाता है तो उसे पुनः रिवाईव करने में कठिनाई होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अब हम त्यौहारों और शादी के सीजन की तरफ बढ रहे हैं, जिससे सडकों पर भीड एकत्रित होगी, ऐसे में दुकानदार अपनी दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन जरूर सुनिश्चित करें। ग्राहकों के बीच आॅनलाइन खरीदी करने की बढती रूचि पर उन्होंने स्थानीय व्यापारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कोविड काल के उपरांत अभी टोटल डिमांड बेस्ड इकोनाॅमी हो गई है ऐसे में स्थानीय व्यापारियों को भी ऑनलाइन व्यापार की तर्ज पर प्रतिस्पर्धा में आगे आने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि त्यौहारिक सीजन में वे स्थानीय बाजार से ही अपने जरूरत की सामान खरीदें क्योंकि इन्हीं स्थानीय व्यापारियों ने कोविड काल के दौरान लोगों को अपनी निर्बाध सेवाएं दी हैं। अब स्थानीय दुकानदार भी आॅनलाइन की तरह बेस्ट डील, आॅफर्स और ग्राहकों को अच्छी से अच्छी सेवाएं दे रहे हैं जिससे ग्राहक स्थानीय दुकानदारों से सामान खरीदने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।
इलेक्ट्राॅनिक्स आईटम के विक्रेता प्रकाश कमालिया ने कहा कि लाॅकडाउन के बाद अभी एक सप्ताह से बाजार में ग्राहकों का फ्लो दिख रहा है किंतु यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि आगे स्थिति क्या होगी। क्योंकि कोविड का डर अभी लोगों केे बीच बना हुआ है। मेरे पास रोज एक-दो फोन आते हैं कि माॅडल और कीमत वाॅटसएप्प में भेंज दें और सामान घर तक पहुंचवा दें। अभी ग्राहकों के बीच 32, 43 और 50 इंच के टीवी की मांग अधिक है पर कंपनियों के पास भी माॅल की शाॅर्टेज है। दुकान में बिना मास्क के आनेवाले ग्राहकों को हम अपनी ओर से मास्क देते हैं, मास्क पहनने के बाद ही दुकान में प्रवेश की अनुमति देते हैं।
आॅल इण्डिया मोबाइल रिटेलर्स मैनुफैक्टचरर एसोसियेशन, झारखण्ड के अध्यक्ष रवि खेमका ने बताया कि कई मोबाइल विनिर्माण कंपनियों द्वारा नियमों की धज्जियां उडाते हुए, केवल ई-काॅमर्स पर अपने उत्पादों को बेंचने के लिए ऑनलाइन पोर्टल्स के साथ विशेष व्यवस्था करके भौतिक खुदरा विक्रेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। यह सरकार की एफडीआइ नीति का स्पष्ट उल्लंघन है जो प्रेस नोट नंबर 2 और 3 के तहत किसी भी ई-काॅमर्स मार्केटप्लेस को उनके संबंधित पोर्टल्स पर किसी भी विषेष व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन से रोकती है। मोबाइल संघ की शिकायत पर चैंबर अध्यक्ष ने केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल को पत्राचार कर कहा कि ब्रांडेड कंपनियों के साथ मिलकर ई-काॅमर्स पोर्टल बाजार को विकृत करने का प्रयास कर रहे हैं और विशेष रूप से मोबाइल क्षेत्र में एक असमान स्तर बना रहे हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले में शीघ्र कार्रवाई का आग्रह किया।