जब तक दवाई नहीं तब तक जागरुकता को बनाएं जन आंदोलन
रांची: भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के अधिकारी और दूरदर्शन केंद्र रांची में प्रादेशिक समाचार एकांश के समाचार संपादक दिवाकर कुमार ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना से लगभग पूरी दुनिया परेशान है. कोविड-19 ने एक तरीके से पूरे विश्व में विकास के पहिये की रफ्तार को धीमा कर दिया है. लगभग सात आठ महीने से पूरी दुनिया इससे जूझ रही है और लगातार यह प्रयास किया जा रहा है कि कम से कम लोग इससे प्रभावित हों और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाया जा सके.
दुनिया के कई मुल्कों में कोविड-19 से बचाव के लिए टीके पर काम हो रहा है और उम्मीद की जा रही है कि इस साल के आखिर तक लोगों को इसकी दवा मिल जाएगी. लेकिन जब तक दवा और टीका हमारे सामने नहीं है ऐसे में कोरोना से बचने को लेकर जागरुकता और एहतियात ही हमारे सामने सबसे बड़ा विकल्प है. अक्टूबर से लेकर अगले दो तीन महीने तक त्योहारों का सीजन है और फिर ठंढ का मौसम आने वाला है. ऐसे में सुस्त पड़ी जिंदगी में थोड़ी तेजी भी आएगी, लेकिन कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. तो कोरोना के साथ ही हमें बचाव और एहतियात को ध्यान में रखकर इन त्योहारों को मनाना भी है. शायद इन बातों को ध्यान में रखकर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से बचाव के लिए हम सबों के सामने एक अनोखे जन आंदोलन की शुरुआत की है. प्रधानंमंत्री ने लोगों को जागरुक करते हुए तीन महत्वपूर्ण मंत्र दिए हैं और कहा है कि जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं.
दरअसल देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगतार बढ़ रहे हैं और यह संख्या 70 लाख तक पहुंच गई है. हालांकि अच्छी बात यह है कि दुनिया में स्वस्थ्य होने वाले की दर अपने देश में सबसे बेहतर है. वहीं ठंढ में इस वायरस के फैलने की संभावनाएं भी ज्यादा है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जागरुकता के इस जन आंदोलन में हम सबों की भागीदारी जरुरी है.
कोरोना से लड़ाई में मास्क, दो गज की दूरी और साबुन पानी से हाथों की समय समय पर साफ सफाई है जरुरी का मंत्र सबसे बहुमूल्य है. ये ऐसा मंत्र है जिसको अपनी जिंदगी में हम अमल कर काफी हद तक कोरोना के प्रसार के खतरे को कम कर सकते हैं. कोरोना ने हमारी जिंदगी को काफी हद तक प्रभावित किया है और जब तक दवा नहीं है तब तक हम अपनी आदतों में सुधार कर ही इस कोरोना महामारी को हरा सकते हैं. हम मास्क तो पहनते हैं लेकिन सही तरीके से नहीं.
इस गलती को हम सबको सुधारने की जरुरत है. इसीलिए डॉक्टर से लेकर विशेषज्ञ तक लगातार हम सबों से यह अपील कर रहे हैं कि आप घर से बाहर निकलते समय मास्क सही तरीके से जरुर पहनें. ऐसा देखा जा रहा है कि लोग मास्क तो पहनते हैं लेकिन सही तरीके से नहीं और खासकर बातचीत के समय इसे नाक और मुंह से नीचे भी कर देते हैं. यही हमारी सबसे बड़ी असावधानी है जिसे हमें दूर करना है. घरों से बाहर निकलने पर बातचीत के समय हमें नाक और मुंह जरुर मास्क से ढकना है ताकि कोरोना के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक के प्रसार को रोका जा सके. उसी तरीके से आजकल हमारे जीवन में दो गज की दूरी भी उतनी ही जरुरी है जितना मास्क. और आखिर में साफ सफाई की आदत.
गंदगी हमारी आधी बीमारी का कारण है अगर साफ सफाई है तो फिर बीमारी की निश्चित तौर पर धुलाई है. कोराना से बचने में समय समय पर हाथ और चेहरे की सफाई भी काफी जरुरी है. इसलिए इन तीनों मंत्रों को जीवन में अपना कर हम कोरोना महामारी से फिलहाल बच सकते हैं. कोरोना से डरने की जरुरत नहीं है बल्कि सावधानी और एहतियात की जरुरत है.
लोग इन तीन मंत्रों को जीवन में अपना कर कोरोना काल में अपने आप को और परिवार को बचा सकते हैं. हम सबों की भागीदारी से ही प्रधानमंत्री की सोंच का यह जन आंदोलन धरातल पर उतरेगा और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश एक योद्दा की तरह खड़ा रहेगा और परास्त कर दुनिया के सामने मिशाल कायम करेगा. तो जरुरत इस बात की है कि हम सब जन चेतना की इस मुहिम के साथ कदमताल करते हुए जन आंदोलन को मूर्त रुप प्रदान करें और अपने और अपने परिवार, मित्रों का बचाव करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने में योगदान दें.