जगदम्बा प्रसाद शुक्ल,
प्रयागराज: प्रयागराज में रामलीला कमेटी करमा द्वारा मंगलवार रात यज्ञ की लीला का सफल मंचन किया गया. राजा जनक द्वारा सीता के विवाह के लिए आयोजित स्वयंबर में यह घोषणा की गई कि जो वीर शिव धनुष को खंडित करेगा उसी के साथ जानकी का विवाह किया जाएगा. सीता से विवाह की इच्छा लेकर रावण, बाणासुर जैसे अनेक वीर जनकपुर आये लेकिन शिव धनुष का भंजन नहीं कर सके. गुरु विश्वामित्र के आदेश पर अयोध्या नरेश दसरथ के पुत्र राम ने धनुष तोड़कर महाराज जनक की प्रतिज्ञा पूर्ण किया, जिसके बाद जनकनन्दिनी ने राम के गले मे वरमाला डालकर उन्हें पति रूप में स्वीकार किया.
जनक के रूप में गप्पू मिश्रा ने जीवंत अभिनय किया तो रावण बने भानु मिश्रा व बाणासुर बने चिरौंजी लाल पटेल ने अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया. राजन चौरसिया ने राम, विशाल साहू ने लक्ष्मण और सनी साहू ने सीता का अभिनय करके लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया तो दिनेश केशरी ने महाराज चीलर सिंह व बिट्टू केशरी ने संपतिया का किरदार निभाते हुए अपने हास्यपूर्ण अभिनय से दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर दिया. रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुभाष केशरी ने बताया कि वैश्विक महामारी के चलते अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष दर्शकों की संख्या बहुत कम है लेकिन प्रशासनिक नियमों का पालन करते हुए प्राचीन परंपरा को कायम रखने के लिए रामलीला का मंचन किया जा रहा है.