नई दिल्ली: राशन कार्ड धारियों को राशन की होम डिलीवरी प्रक्रिया शुरू करने के लिए दिल्ली सरकार ने टेंडर जारी कर दिए हैं. यह काम किसी कंपनी को सौंपा जाएगा, जिसे फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोदाम में से गेहूं लेने और पिसाई के बाद पैकेजिंग करने, कब तक खाने योग्य और इसकी तारीख पैकेट पर बताने की जिम्मेदारी दी जाएगी.
इसे होम डिलीवरी का काम करने वाली एजेंसी को देना होगा. सारे काम सीसीटीवी और जीपीएस की निगरानी में करना होगा. गरीबों को गेहूं की जगह पैकेट में आटा भेजने का प्रावधान किया गया है. कंपनी का चयन करने के लिए टेंडर दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन द्वारा जारी किया गया है.
पैकेट के वजन से लेकर पोषक तत्वों की जानकारी तक करने होंगे ये काम
टेंडर की शर्तों में जिस कंपनी को काम दिया जाएगा, उसे आटे के पैकेट का वजन, पोषक तत्व की जानकारी, आटा खाने के लिए कब तक सही है, पैकेजिंग की तारीख और पैकेट निर्माता कंपनी का नाम, वेजिटेरियन फूड सिंबल और कस्टमर केयर नंबर देना होगा. टेंडर की शर्तों के अनुसार कंपनी कि दिल्ली में पैकेट तैयार करने की पूरी यूनिट होनी चाहिए.
कपंनी के पास होनी चाहिए पैकेजिंग की इतनी क्षमता
ये टेंडर जिस कंपनी को सौंपा जाएगा उसकी क्षमता 20 मिट्रिक टन गेहूं प्रतिदिन सफाई और 50 मिट्रिक टन गेहूं की पैकेजिंग करने की होनी चाहिए. दिल्ली में 17 लाख 54 हजार 868 राशन कार्ड धारी योजना के लाभार्थी होंगे. इसके लिए 1 किलो, 2 किलो, 3 किलो और 5 किलो के बैग बनाने का काम भी करना होगा, जिसे राशन की होम डिलीवरी वाली एजेंसी के पास पहुंचाना होगा.
एक सर्किल में एक एजेंसी ही करेगी काम
एजेंसी को चावल की गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होगी. टेंडर के अनुसार 1 जिले में 2 से ज्यादा एजेंसी हो सकती है, लेकिन एक सर्किल में एक ही एजेंसी काम करेगी. बता दे कि दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना के तहत राशन कार्ड धारियों के घर पर राशन उपलब्ध करवाएगी.