रांची:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में तकनीक आधारित झारखंड के ‘आजीविका फ़ार्म फ्रेश मोबाइल एप्प से ऑनलाइन मार्केटिंग का ज़िक्र किया. प्रधानमंत्री ने मोबाइल एप्प बनाकर सब्जियों की ऑनलाइन मार्केटिंग के कार्य की सराहना और महिलाओं के हेल्फ हेल्प ग्रुप के इस आइडिया को काफी पॉपुलर बताया.
प्रधानमंत्री ने रविवार को मन की बात 2.0 कार्यक्रम की 17वीं कड़ी में कहा कि लॉकडाउन के दौरान टेक्नोलॉजी आधारित सर्विस डिलिवरी के कई प्रयोग देश में हुए हैं और अब ऐसा नहीं रहा कि बहुत बड़ी टेक्नोलॉजी और लॉजिस्टिक कंपनियां ही यह कर सकती हैं. उन्होंने ने कहा कि ये काम झारखंड में महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप ने भी कर दिखाया है. इन महिलाओं ने किसानों के खेतों से सब्जियां और फल लिये और सीधे, घरों तक पहुंचाये.
इन महिलाओं ने आजीविका फर्म फ्रेश नामक से एक एप बनवाया, जिसके जरिये लोग आसानी से सब्जियां मंगा सकते हैं। इस पूरे प्रयास से किसानों को अपनी सब्जियां और फलों के अच्छे दाम मिले और लोगों को भी फ्रेश सब्जियां मिलती रही. वहां आजीविका फर्म फ्रेश एप का आइडिया बहुत पॉपुलर हो रहा है। लॉकडाउन में इन्होंने 50 लाख रुपये से भी ज्यादा के फल-सब्जियां लोगों तक पहुंचायी है.
ग्रामीण विकास विकास के सहयोग से तैयार आजीविका फर्म फ्रेश मोबाइल एप्प कुछ ही महीने में रांची और आसपास के इलाकों में काफी लोकप्रिय हो चुका है.आजीविका फर्म फ्रेश के महेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस मोबाइल एप्प के माध्यम से लोग से वे रांची और आसपास के क्षेत्रों के किसानों से सीधे ताजी सब्जियां खरीदते है और साफ-सफाई के बाद उसे एक से पांच किलोग्राम के विभिन्न पैकेटों में पैक कर ऑर्डर देने वाले ग्राहकों के घर पहुंचा दिया जाता है. उन्होंने बताया कि इससे एक ओर जहां ग्राहकों को ताजी सब्जियां मिल जाती है, वहीं कोरोना संक्रमण के इस दौर में उन्हें बाजार की भीड़ वाले स्थानों से जाने से बचने का लाभ मिल जाता है. वहीं सबसे अधिक फायदा सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को मिलता है, उन्हें बाजार में भटके बिना उचित कीमत मिल जाती है.
आजीविका फर्म फ्रेश के माध्यम से सब्जियां बेचने वाले दशरथ महतो नामकएक किसान ने बताया कि इस नयी तकनीक से उन्हें काफी फायदा हुआ है, अब वे एक तरह से सीधे अपनी सब्जियों को ग्राहकों तक पहुंचाने में सफल रहे है, इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई है और उन्हें उनकी उपज का सही दाम मिल रहा है.