रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी बहुमत के अनादर की बात को पार्टी की घोषणा पत्र में ही शामिल कर लें. उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने घोषणा पत्र में ही यह विषय भी शामिल कर लेना चाहिए कि चुनाव में बहुमत भले ही किसी को मिले, सरकार भाजपा की बनेगी.
डॉ. उरांव ने कहा कि जिस तरह से दुमका और बेरमो में भाजपा द्वारा यह प्रचारित किया जा रहा है कि दोनों सीटों पर जीत से राज्य में सत्ता परिवर्त्तन हो जाएगा, यह भाजपा नेताओं के सरकार को अस्थिर करने की साजिश को दर्शाता है, इससे पहले भी चुनाव में बहुमत नहीं मिलने के बावजूद गोवा, मध्यप्रदेश, कनार्टक और बिहार समेत कई राज्यों में भाजपा सत्ता को हथियाने का काम कर चुकी है और अब झारखंड में भी अंकगणित के अनुसार उपचुनाव परिणाम का असर सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन भाजपा के सत्ता हथियाने के लिए कोई भी प्रयास करने से पीछे नहीं हटेगी, यह सभी को पता हैं, परंतु राज्य में कांग्रेस-झामुमो और राजद गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है, भाजपा का नापाक मंसूबा सफल नहीं होगा.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बेरमो और दुमका विधानसभा उपचुनाव में भाजपा पहले ही अपनी हार मान चुकी हैं, इसलिए भाजपा नेता अनर्गल बयानबाजी और गाली-गलौज पर उतर आये हैं, जनता जर्नादन के खिलाफ ही चोट्टा जैसे असंसदीय भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में भी सत्ता हाथ से निकलते देखकर भाजपा-जदयू के बीच अंतर्विरोध अब सार्वजनिक हो चुका है. बिहार में भाजपा ने अपने बैनर-पोस्टर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार नीतीश कुमार को गायब कर दिया है, बिहार की जनता भी अब इस ठगबंधन को सत्ता से बाहर करने के लिए पूरा मन बना चुकी है.
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नष्ट करने पर तुली है, जिस तरह से देशभर में गैर भाजपा शासित राज्यों को परेशान किया जा रहा है और वह देश की जनता देख रही है. उन्होंने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में हैं, लेकिन शासन की लोकतांत्रिक प्रणाली के सभी स्तंभों को दबाव में रखा जा रहा है. भाजपा सरकार हर मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा पर कथित खतरे की आड़ ले रही है. देश के नागरिकों के विरोध के अधिकार को नष्ट किया जा रहा है. लोकतंत्र पर तानाशाही को हावी किया जा रहा है. इस सरकार में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार दमन और डर के माध्यम से व्यवस्थित रूप से रद्द कर दिया गया है. केंद्र सरकार के फैसले से असहमति को जानबूझकर आतंकवाद या राष्ट्र विरोधी गतिविधि ठहरा दिया जाता है.