रांचीः बिहार के अररिया में चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर किया हमला, कहा- लोकसभा- राज्यसभा मिलाकर भी नहीं हैं पार्टी के 100 सांसद . यहां सात नवंबर को तीसरे चरण के लिए मतदान होंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज बिहार में अहंकार हार रहा है, परिश्रम फिर जीत रहा है. आज बिहार में घोटाला हार रहा है, लोगों का हक फिर जीत रहा है. आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है, कानून का राज वापस लाने वाले फिर जीत रहे हैं.
बिहार की पवित्र भूमि ने ठान लिया है कि इस नए दशक में बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे. बिहार के लोगों ने जंगलराज को, डबल-डबल युवराजों को सिरे से नकार दिया है.
कोरोना जैसे कठिन समय में इतनी सावधानियों के साथ चुनाव कराने के लिए मैं देश के चुनाव आयोग को लाख-लाख बधाई देता हूं. मैं बिहार की धरती से चुनाव आयोग, प्रशासन के कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के जवानों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं.
अगर बिहार में पहले जैसे ही हालात होते, तो सच मानिए, गरीब मां का ये बेटा कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाता, आपका प्रधान सेवक नहीं बन पाता. आज जब गरीब को अपना अधिकार मिला है, तो वो उसने देश की राजनीति की दिशा तय करने की कमान भी खुद संभाल ली है. तब मतदान नहीं होता था, ‘मत छीन लिया जाता था, वोट की लूट’ होती थी, गरीब के हक की लूट होती थी. बिहार में गरीब को सही मायनों में मतदान का अधिकार एनडीए ने दिया है.
बिहार वो दिन भूल नहीं सकता, जब चुनाव को इन लोगों ने मजाक बनाकर रख दिया था. इन के लिए चुनाव का मतलब था- चारो तरफ हिंसा, हत्याएं, बूथ कैप्चरिंग. बिहार के गरीबों से इन लोगों ने वोट देने तक का अधिकार छीन रखा था.
बिहार में एक कहावत है- सब कुछ खइनी, दुगो भुजा न चबइनी. यानि, भर पेट भोजन करने के बाद भी खाने वाले की नजर अब भूजा पर है. यही इनकी सोच है.
मेरा गरीब अब दवाई के बिना, डॉक्टर के बिना, अस्पताल के बिना जिंदगी और मौत के बीच जुझता नहीं रहेगा. सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों के लिए हर साल 5-5 लाख रुपये तक का खर्चा खुद उठा रही है.
बिहार अब उन लोगों को पहचान चुका है जिनका एकमात्र सपना है कि किसी तरह लोगों को डराकर, अफवाह फैलाकर, लोगों को बांटकर किसी भी तरह से सत्ता हथिया लेना है. इनकी तो बरसों से यही सोच है, इन्होंने यही देखा है, यही समझा है, यही सीखा है.
बीते दशक में जंगलराज के प्रभावों को कम किया गया, अब ये दशक बिहार की नई उड़ान का है, नई संभावनाओं का है. बिहार को फिर इस बार डबल इंजन की ताकत मिलेगी, तो यहां का विकास पहले से भी तेज गति से होगा.
बीते दशक में बिहार के हर घर में बिजली पहुंची, अब ये दशक बिहार को चौबीसों घंटे जगमगाने का है. बीते दशक में बिहार में घर-घर गैस कनेक्शन पहुंचा, अब ये दशक बिहार के घरों में पाइप से गैस पहुंचाने का है.
झूठ बोलकर कांग्रेस ने देश के लोगों के क्या-क्या सपने दिखाए. चुनाव से पहले कहते थे गरीबी हटाएंगे, किसान का कर्जा माफ करेंगे, टैक्स कम करेंगे. बातें बहुत कीं, लेकिन इतिहास गवाह है, दस्तावेज गवाह हैं कि इन्होंने इसमें से एक भी काम नहीं किया, सिर्फ लोगों को गुमराह किया.
बिहार में कहा जाता है- ‘अनकर धन पाईं, त नौ मन तौलाईं.’ स्वार्थ का भाव ये कि जब दूसरे का पैसा है, तो जितना चाहे खरीदो, क्या फर्क पड़ता है. जब जनता का पैसा है, तो जितना चाहे लूटो. ये लोग जनता के लिए, आपके लिए काम नहीं कर सकते.
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए आज एनडीए सरकार बिना किसी भेदभाव लोगों के हितों के लिए काम कर रही है.
आज बिहार में परिवारवाद हार रहा है, जनतंत्र फिर जीत रहा है. रंगबाजी और रंगदारी हार रही है, विकास फिर जीत रहा है. अहंकार हार रहा है, परिश्रम फिर जीत रहा है. घोटाला हार रहा है, लोगों का हक फिर जीत रहा है.