स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उस समय एंबुलेंस में छह बच्चों समेत एक मृत महिला का शव था. वेंकटेश को इस बहादुरी भरे काम के लिए प्रशासन ने 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुरस्कार से सम्मानित किया है. जानकारी के मुताबिक वेंकटेश ने एंबुलेंस को तब रास्ता दिखाया था, जब उसे एक पुल से गुजरना था. बाढ़ के कारण पुल पूरी तरह टूट गया था. जिसके चलते ड्राइवर के लिए पुल की स्थिति और पानी की गहराई के बारे में पता लगाना मुश्किल था. उस वक्त वेंकटेश आसपास ही खेल रहा था, तब उसने एंबुलेंस को देखा और मदद करने की कोशिश की.
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इस दौरान वहां मौजूद किसी शख्स ने इस घटना का वीडियो बना लिया, जो अब काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कैसे वेंकटेश एंबुलेंस को रास्ता दिखा रहा है. वह ऐसा करते हुए कई बार लड़खड़ाता हुआ भी दिख रहा है.
जब गांव के लोगों ने वेंकटेश को मदद करते देखा, तो वह भी किनारे पर आकर खड़े हो गए. उन्होंने वेंकटेश की हौसला-अफजाई की. जिसके बाद एंबुलेंस पानी से बाहर निकली और अस्पताल के रास्ते चल पड़ी.