नई दिल्ली: कोरोना वायरस का स्वदेशी टीका काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. अब तक के दो परीक्षण में न सिर्फ इससे पर्याप्त एंटीबॉडी विकसित हो रही हैं बल्कि इसकी डोज लेने के बाद किसी में दुष्प्रभाव भी नहीं मिले हैं. अब केंद्र सरकार और वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगले वर्ष की शुरुआत में ही यह टीका आ सकता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि तीसरा परीक्षण इसी माह में शुरू होने के बाद दिसंबर तक अध्ययन का पूरा कार्यसमाप्त हो जाएगा. इसके बाद यह टीका उपलब्ध हो सकेगा. वहीं आईसीएमआर के वैज्ञानिक रजनीकांत का कहना है कि भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन टीका काफी अच्छी प्रभाविकता के साथ है. अब तक के परीक्षणों का परिणाम देखने के बाद उम्मीद है कि यह टीका अगले वर्ष फरवरी से मार्च माह के बीच आ सकता है.
अगर ऐसा होता है तो यह भारत का पहला स्वदेशी टीका होगा. वैज्ञानिकों के अनुसार पहले और दूसरे चरण के परीक्षण में यह टीका काफी प्रभावी मिला है. जानवरों पर हुए इसके परीक्षण में भी यह असरदार था. हालांकि टीका को लेकर शत फीसदी विश्वास नहीं रखा जा सकता, जबतक कि उसका तीसरा परीक्षण न हो जाए.
उधर सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से चल रहा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के टीके पर अध्ययन जनवरी में पूरा हो सकता है. यह तीसरे चरण का अध्ययन है जिसका पूरा होते ही सभी देशों के परिणाम एकत्रित कर भारत सरकार से बाजार में उपलब्ध कराने की अनुमति मांगी जाएगी.