रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति को अनिवार्य करने के फैसले का स्वागत किया है.
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कहा कि जिस तरह से पिछले छह साल से केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर विभिन्न राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश और विरोधी दलों के नेताओं तथा संघ विरोधी विचाराधारा के अधिकारियों को फंसाने की कोशिश हो रही है, उस कारण देशभर के गैर भाजपा शासित राज्यों को इस तरह का कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा रहा है.
उन्होंने कहा कि झारखंड देश का ऐसा राज्य बन गया है, जिसने यह अनिवार्य कर दिया है कि सीबीआई को किसी मामले में जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि जिस तरह से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की ओर से पिछले दिनों दुमका में उपचुनाव प्रचार के दौरान यह बयान दिया कि झारखंड में अगले कुछ महीने में नेतृत्व परिवर्त्तन होगा, यह वक्तव्य दर्शाता है कि अंदरखाने में केंद्र के भाजपा नेताओं की ओर से हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश चल रही है.
इससे पहले भाजपा सांसद निशिकांत दूबे द्वारा भी यह सार्वजनिक बयान दिया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई विभिन्न मामलों की जांच की तैयारी कर रही है. इन सारे बयानों से यह साफ होता है कि जब जनता ने वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को नकारने का काम किया है, तो भाजपा नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर सत्ता पर काबिज होने के प्रयास में जुटे हैं. लेकिन उनका यह प्रयास झारखंड में कद्दापि सफल नहीं होगा.
प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि जिस तरह से सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में एक अधिकारी के खिलाफ अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया, तो पश्चिम बंगाल सरकार सरकार की ओर से खुलकर विरोध किया, बाद में पश्चिम बंगाल समेत अन्य गैर भाजपा शासित राज्यों को इस तरह का कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा नेता सत्ता को बचाये रखने और गैर लोकतांत्रिक तरीके से विरोधियों से छिनने की कोशिश की जा रही है, उससे आने वाले समय में केंद्र और राज्यों के बीच संघर्ष और तेज होने की आशंका है.
प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश के खिलाफ अब सभी विरोधी नेता पूरी तरह से सचेत हो गये. भाजपा नेता जितना भी संवैधानिक संस्थाओं और केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर लें, अब उनकी कोई भी साजिश सफल नहीं होगी.
देशभर में केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है, झारखंड से भाजपा की विदाई हो चुकी है, बिहार से भी अगले 10 नवंबर को भाजपा गठबंधन सरकार की विदाई होगी, मध्य प्रदेश में भी भाजपा के हाथ से जल्द ही सत्ता निकलने वाली है, देश के अन्य राज्यों में भी भाजपा का यही हश्र होने वाला है.