पंजाब: केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध का खामियाजा पंजाब के तमाम कांग्रेसी विधायकों को भुगतना पड़ सकता है. कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रणइंदर के खिलाफ चार साल बाद दोबारा फाइल खोलने के बाद ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की एक टीम ने पंजाब के 26 कांग्रेसी विधायकों को रडार पर लिया है. जानकारी के मुताबिक, इन विधायकों को ईडी जल्द ही अवैध खनन के मामले में नोटिस जारी कर जांच में शामिल करेगी. ईडी की कार्रवाई को लेकर सीएम आवास से लेकर विधायकों तक में खलबली है.
ईडी को दिल्ली से हरी झंडी मिल गई है. दिल्ली से कुछ आला अधिकारी भी जालंधर आकर ईडी के कार्यालय में बैठकर फाइलों से माथापच्ची करने में जुट गए हैं. ईडी की जांच का दायरा बढ़ा रहा है. इससे कैप्टन अमरिंदर सिंह के खेमे में खलबली मच गई है.
पंजाब में अवैध खनन का आरोप शिरोमणि अकाली दल व भाजपा पर भी लगता रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सत्ता संभालने से पहले पंजाब की जनता से वादा किया था कि वह अवैध खनन करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे डालेंगे और पंजाब में खनन घोटाले में हुए राजस्व घाटे को वसूला जाएगा.
कांग्रेस की सत्ता आते ही अवैध खनन के आरोप कैप्टन सरकार पर भी लगे. इस मुद्दे के कारण पंजाब के बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह की कुर्सी भी चली गई. इतना ही नहीं, खनन के आरोप में जालंधर के शाहकोट से विधायक लाडी शेरोवालिया पर मामला भी दर्ज हुआ और स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो भी वायरल हुआ. इसके अलावा खनन के आरोप कई विधायकों पर लगे.