नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कुसुम योजना को और ज्यादा विस्तार देते हुए अब इससे कुल 30,800 मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा है. इस योजना पर सरकार की 34,035 करोड़ रुपये की लागत आएगी. योजना के तहत अगले दो वित्त वर्षो में कुल 35 लाख किसानों को सोलर चालित पंप चलाने की सुविधा दी जाएगी. इस योजना से देश को ना सिर्फ डीजल चालित सिंचाई पंपों से मुक्ति मिलेगी बल्कि किसानों को अतिरिक्त धन अर्जित करने का भी मौका मिलेगा.
कुसुम योजना के तहत सोलर ऊर्जा से सिंचाई पंप चलाने वाले किसान अपनी अतिरिक्त बिजली वापस राज्यों की बिजली वितरण इकाइयों को बेच सकेंगे और इससे अतिरिक्त कमाई कर सकेंगे. वैसे यह योजना मार्च, 2019 में ही लागू की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार के तहत रिनीवल मंत्रालय ने इसका विस्तार कर वर्ष 2021-22 व वर्ष 2022-23 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.
रिनीवल मंत्रालय की तरफ से जारी सूचना में बताया गया है कि पहले चरण में किसानों को दो मेगावाट तक बिजली बनाने वाले सोलर प्लांट लगाने में मदद की जाएगी. इससे कुल 10 हजार मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा गया है और केंद्र सरकार की तरफ से 3325 करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी. दूसरे चरण में 20 लाख सोलर चालित पंप लगाए जाएंगे जिससे 9600 मेगावाट बिजली बनेगी. तीसरे चरण में 15 लाख सोलर पंप लगाए जाएंगे और कुल 11,200 मेगावाट बिजली बनेगी.