रांची: झारखंड में दीपावली की रात सिर्फ दो घंटे ही आतिशबाजी होगी. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार इन दो घंटे में सिर्फ ‘ग्रीन पटाखे’ ही चलाने की अनुमति होगी. कारण है कि झारखंड का एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉडरेट श्रेणी में आता है.
NGT के आदेशानुसार पटाखे रात 8 से 10 बजे के बीच जलाए जाएंगे. हालांकि, NGT ने राज्य सरकारों को 2 ही घंटे की अवधि तय करने की छूट दी है. झारखंड सरकार की ओर से अभी समय सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है.
पिछले साल यह टाइमिंग रात 8 से 10 ही निर्धारित थी. NGT ने पटाखों पर बैन देश के उन सभी कस्बों और शहरों में किया है, जहां पिछले साल नवंबर में हवा की क्वालिटी का लेवल पूअर या इससे ऊपर की कैटेगरी तक चला गया था. जहां नवंबर 2019 में हवा की क्वालिटी मॉडरेट यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 51-100 के बीच था, वहां प्रदूषण रहित पटाखे बेचे और चलाए जा सकते हैं. पटाखे चलाने के लिए सिर्फ 2 घंटे की छूट मिलेगी. छठ के मौके पर भी सिर्फ दो घंटे आतिशबाजी की अनुमति होगी.
क्या है ग्रीन पटाखे–
सामान्य पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखे 40 से 50 फीसदी तक कम हानिकारक गैस पैदा करते हैं. इनसे हानिकारक गैस बेहद कम यानी सामान्य से 50 फीसदी तक कम मात्रा में निकलेंगी. इससे प्रदूषण बिल्कुल भी नहीं होगा, ऐसा नहीं है. लेकिन, ये उनसे कम हानिकारक हैं.
झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद के सदस्य सचिव आरएल बख्शी ने बताया- पूरा झारखंड मॉडरेट श्रेणी में आता है. NGT के फैसले के अनुसार राज्य में दो घंटे ही आतिशबाजी होगी. साथ ही ग्रीन पटाखे की ही बिक्री और उसे जलाया जा सकता है. टाइमिंग जल्द ही निर्धारित की जाएगी.