रांची: करोड़ों रुपये के अल्पसंख्यक छात्रों को दी गयी प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति में हुए घोटाले में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता कमाल खान के खिलाफ जांच होगी. इसकी अनुशंसा एडीएम की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने की है. कल्याण विभाग के लिपिक और बिलिंग क्लर्क विनोद पासवान को बर्खास्त करने की अनुशंसा भी कमेटी ने की है. इसके अलावा विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर अजय कुमार मंडल को भी हटाने की बात कही है.
बतातें चलें कि घोटाले की अंतरिम जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है. प्रथम दृष्टया 9.99 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई है. जानकारी के मुताबिक जांच के क्रम में झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव इरफान खान की भूमिका भी सामने आयी है. बताया गया है कि घोटाले की पृष्ठभूमि तैयार करने वाला सादिक खान उर्फ शाहिद और इरफान लंबे समय से एक-दूसरे के संपर्क में थे. इरफान पर स्कूलों की कई महत्वपूर्ण सूचनाएं सादिक के गिरोह को उपलब्ध कराने का आरोप है. इसके आधार पर जांच टीम ने इनके खिलाफ विस्तृत जांच की बात कही है.
जानकारी हो कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान अल्पसंख्यक छात्रों को दी गयी प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति में करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला उजागर हुआ है. इसमें धनबाद जिला प्रशासन ने 96 स्कूलों के अलावा नौ अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. जिला कल्याण पदाधिकारी दयानंद दुबे के खिलाफ प्राथमिकी और विभागीय कार्रवाई करने की अनुमति राज्य सरकार से मांगी गयी है.
अंतरिम जांच रिपोर्ट के आधार पर कल्याण विभाग के लिपिक बिनोद पासवान, कंप्यूटर अजय कुमार मंडल, गुलाम मुस्तफा (वकील), झरीलाल महतो (प्राचार्य जीबीएम पब्लिक स्कूल, तेतुलमारी), प्रताप जसवार (प्राचार्य जीनियस पब्लिक स्कूल गोविंदपुर), कलीम अख्तर (प्राचार्य गुरुकुल विद्या निकेतन भौंरा 19), नीलोफर परवीन (दलाल), संतोष विश्वकर्मा (दलाल) और अब्दुल हमीद (दलाल) को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ जिले के सभी प्रखंड एवं झरिया अंचल में संबंधित बीडीओ एवं अंचल अधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.