नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी को फिर से पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने की कवायद तेज हो गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिसंबर में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस प्रक्रिया के दौरान होने वाली कार्यसमिति के मीटिंग में राहुल गांधी के नाम पर प्रस्ताव पारित होना लगभग तय माना जा रहा है.
दिसबंर माह में शुरू होगी प्रक्रिया
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अध्यक्ष पद के लिए प्रक्रिया दिसबंर माह में शुरू होगी. ऐसा माना जा रहा है कि दिसंबर में कार्यसमिति के सदस्यों का भी चुनाव होना तय है. बिहार विधानसभा चुनाव और अन्य राज्यों के उपचुनाव में लगातार पार्टी का प्रदर्शन खराब होता जा रहा है. ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता जल्द से जल्द अध्यक्ष पद का चुनाव संपन्न कराए जाने का मन बना चुके हैं.
पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर उठे सवाल
बिहार और अन्य राज्यों में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर उठ रहे सवालों को लेकर राहुल समर्थकों का मानना है कि चुनावों के नतीजों को संगठन के नेतृत्व के साथ जोड़ कर देखना किसी भी मायने में उचित नहीं है. राहुल के समर्थकों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा है तो वहीं कहीं राज्यो में पार्टी ने चुनाव भी जीते हैं. पार्टी सूत्रों से मिली खबरों की मानें तो, अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी हैं और इसे टाला नहीं जा सकता.
पार्टी में बड़े फेरबदल की मांग
मालूम हो कि इससे पहले पार्टी के कई बड़े शीर्ष नेताओं ने कांग्रेस की अन्तरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े फेरबदल की मांग की है. इस पत्र में 23 वरिष्ठ नेताओं ने अध्यक्ष से फिर से चुनाव कराने और नई जिम्मेदारी तय करने की मांग की है. जिसके बाद कांग्रेस कार्यसमिति ने बैठक कर संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा की.
पत्र में लिखा गया
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र में चर्चा की गई है कि कांग्रेस का पुनरुत्थान एक राष्ट्रीय अनिवार्यता है, यह लोकतंत्र के लिए भी आवश्यक है. पत्र में इस बात पर भी चर्चा की गई थी कि पार्टी में उस समय गिरावट हो रही है कि जब देश में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मोर्चे पर कड़ी चुनौतियां सामने खड़ी हैं.
इन नेताओं ने लिखा पत्र
बता दें पत्र लिखने वाले लोगों में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, जितिन प्रसाद, मिलिंद देवड़ा, मनीष तिवारी, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, संदीप दीक्षित जैसे बड़े नेता शामिल है. जिन्होंने पत्र लिखकर चर्चा की है कि पार्टी में लीडरशिप में बदलाव होना चाहिए.