रांची: पद्मश्री डॉ कामेश्वर प्रसाद रिम्स के नए निदेशक बनाए गए हैं. रविवार को उन्होंने अपना पदभार संभाला. रिम्स की प्रभारी निदेशक डॉ. मंजू गाड़ी ने उनका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि रविवार का दिन उन्होंने इसलिए चुना क्योंकि वे झारखंडी है और आज राज्य स्थापना दिवस के साथ-साथ बिरसा मुंडा की जयंती भी है. इससे बेहतर दिन नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से इस संस्थान को धीरे-धीरे और ऊंचाइयों तक ले जाएंगे. मरीजों का समुचित इलाज कैसे हो यह उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि अच्छे इलाज के लिए अच्छे डॉक्टर जरूरी है और अच्छे डॉक्टर के लिए अच्छी शिक्षा मिले तभी स्वास्थ्य बेहतर हो पाता है. जब समुचित इलाज की व्यवस्था हो और मरीजों को सिखाने में सहायक हो.
अगर मरीज खुश होंगे तो डॉक्टर एक अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे और अगर अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे तो अच्छा इलाज भी करेंगे और अच्छी शिक्षा तब तक अधूरी रहती है, जब तक की एक माहौल न हो जिसमें की शिक्षा पनपे और वह माहौल सोध के द्वारा मिलता है. इसलिए तीन मुख्य मिशंस होते हैं. मरीज की देखभाल, शिक्षा और शोध यह तीनों साथ-साथ चले तभी कोई संस्थान आगे बढ़ सकता है.
उन्होंने कहा कि रिम्स में पहले एक समीक्षा बैठक किया जाएगा. कौन-कौन सा विभाग है, कौन-कौन सा विभाग नहीं है. झारखंड के लोगों ने अपने सभी नेताओं, मंत्रियों और विधायकों के द्वारा सन 2002 में एक सपना देखा और उस सपने में जिक्र है कि एम्स नई दिल्ली के तर्ज पर संस्थान को बनाना है.
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में 40 साल काम किया हूं इसलिए मैं कोशिश करूंगा कि एम्स से बेहतर बने, उससे भी अच्छा हो. उन्होंने कहा कि यह सब एक दिन में संभव नहीं है. उसके लिए हम एक रास्ता बनाएंगे. उस रास्ते पर चलते-चलते इंच बाय इंच उस पथ पर अग्रसर होते हुए रिम्स को एम्स की तर्ज पर पहुंच पाएगा. शायद उस समय तक मैं न रहूं, लेकिन एक गति चल पड़ेगी और संस्थान बढ़ता जाएगा और एक समय आएगा जब यह एम्स से भी आगे निकल जाएगा.