रांची: आज यम द्वितीया की तिथि है. आज के दिन को गोधन कूटने की धार्मिक परंपरा रही है. इसे भैया दूज का पर्व भी कहा जाता है. वहीं आज कायस्थ समाज के लोग भगवान चित्रगुप्त की भी पूजा अर्चना कर रहे है.
मान्यता के अनुसार, आज के दिन बहने गोधन की पूजा कर भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं. रांची में भी बहनों ने गोबर से भी विग्रहों की आकृति बनाई. इसमें गोबर से ही यम और यामी की प्रतिमा बनाई गई.
इसके अलावा सांप, बिच्छू ,चूल्हा, कुआं भी बनाया गया. गोबर की मानव मूर्ति बनाकर उस पर ईट रखने की भी परंपरा होती है. पूजा से पहले बहने अपने भाई को श्राप देती हैं. फिर बहने प्रति भाई 5 फेरे की रूई की माला बनाकर चढ़ाती हैं और जीभ में कांटा चुभती है. आखिर में छठ की पांच गीत गाने की भी परंपरा निभाई जाती है.
मान्यता है कि ऐसा करने से गोधन कूटने वाली बहनों के भाइयों की उम्र लंबी हो जाती है. यम द्वितीया के दिन भाइयों को श्राप देने से उन्हें मृत्यु का भय नहीं रहता है. भाई की लंबी आयु के लिए बंगला समुदाय की महिलाएं भी यम द्वितीया के दिन पूजा करती है. वह भी अपनी भाई की लंबी आयु के लिए पूजा की थाल सजाकर चंदन, दुभ और हल्दी का तिलक भाइयों को लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं.