चतरा: चतरा जिले के टंडवा स्थित सीसीएल की मगध- आम्रपाली कोल परियोजना में ऑभर लोडेड कोल वाहनों से गिरे कोयला के उड़ते डस्ट के कारण परियोजना से सटे जंगलों में फैलते प्रदूषण का असर पेड़- पौधे पर पड़ रहा है तथा इनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. वहीं आस पास के क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगो को भी इस दूषित हवा के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. इसके साथ ही इलाके के नदी- नाले भी प्रदूषित हो रहे है.
इधर आम्रपाली में हो रहे कोयले के उत्खनन से लेकर ट्रेसपोटिंग तक उड़ते कोयले के डस्ट से बड़ी संख्या में पेड़- पौधे बर्बाद भी हुए हैं. दूसरी ओर पर्यावरण पर भी खतरा मंडरा रहा है. बताते हैं कि अम्रपाली से शिवपुर रेलवे साइंडिंग तक कोयले ढुलाई में लगे सैकड़ों वाहनों में ना ही तिरपाल ढका जाता हैं और न ही सड़कों पर पानी का नियमित छिड़काव किया जा रहा है. कहते हैं कि इस कारण आम्रपाली माइन्स से सटे बड़की नदी और गहरी नदी का पानी भी प्रदूषित हो गई है और लोग गंदा पानी पीने को विवश हैं. दूसरी ओर कोयला के धूल-कण से परियोजना क्षेत्र में निवास करने वाले लोग कई बीमारियों से ग्रसित भी हो रहे हैं.