दिल्ली: केंद्र सरकार ने मैला उठाने वाले कर्मचारीयों के लिए दो बङे फैसला लिए हैं. अब सामाजिक न्याय मंत्रालय मशीन से सीवर की सफाई को अनिवार्य करने जा रहा है. साथ ही शहरी मामलों के मंत्रालय ने ‘सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज’ भी शुरू किया है. इन फैसलों को कर्मचारीयों के हीत में लिया गया है जिससे किसी भी व्यक्ति को सीवर या सेप्टिक टैंक में प्रवेश ना करना पड़े.
गौरतलब है कि, सरकार और सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार बिना पर्याप्त सुरक्षा सावधानी बरते हुए सीवर लाइनों और सेप्टिक टैंकों में हाथ से सफाई करने पर रोक है. लेकिन कई बार इसका उल्लंघन होता रहा है, जिससे सीवर लाइनें साफ करने के दौरान पिछले पांच सालों में 800 सफाईकर्मियों की मौत हुई.
कर्मचारीयों की सुरक्षा को देखते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ‘विश्व शौचालय दिवस’ के अवसर यह घोषणा की. इसके अन्तर्गत 243 प्रमुख शहरों में ‘सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज’ शुरू किया गया. कार्यक्रम में सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव आर सुब्रमण्यम ने कहा कि ‘मैनुअल स्कैवेंजर्स के रोजगार का निषेध और पुनर्वास अधिनियम’ में मौलिक परिवर्तन यह होगा कि अब मशीनीकृत सफाई को अनिवार्य बनाया जाएगा.
उन्होनें कहा कि मंत्रालय ठेकेदारों या नगरपालिकाओं को मशीनरी खरीदने के लिए धन मुहैया नहीं कराएगा, बल्कि सफाई कर्मचारियों को धन मुहैया कराया जाएगा. उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि सफाई कर्मचारी इन मशीनों के मालिक हों ताकि आवश्यकता होने पर इनका उपयोग नगरपालिकाओं द्वारा किया जा सके.