रांची: बाबूलाल मरांडी, बंधु तिर्की और प्रदीप यादव दलबदल मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने सोमवार को सुनवाई की. सुनवाई के दौरान बंधु तिर्की, प्रदीप यादव और बाबूलाल मरांडी की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने कोर्ट में पक्ष रखा.हालांकि मौके पर विधायक बंधु तिर्की मौजूद थे.
बाबूलाल के अधिवक्ता आर एन सहाय ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि 17 नवंबर को टाइम पेटिशन दिया गया था, जिसमें 10वीं अनुसूची को लेकर हाइकोर्ट में चैलेंज किया गया है. इसकी जानकारी विधानसभा को दी गई है. उनकी ओर से कम से कम छह हफ्तों का समय मांगा गया, जिसपर स्पीकर ने कहा कि उस समय नहीं दिया जा सकता. हालांकि तैयारी करने के लिए समय दिया जा सकता है.
बाबूलाल मरांडी की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता आर एन सहाय ने बताया कि न्यायाधिकरण के नोटिस में दसवीं अनुसूची का मामला बन रहा है. उसे चैलेंज करते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. कोविड-19 के कारण कोर्ट में 48 घंटे तक रिकॉर्ड को निकाला नहीं जा सकाता. 12 नवंबर को पिटीशन फाइल की गयी. दीपावली और छठ पर्व के कारण सुनवाई नहीं हो पाई.
स्पीकर ने इस पर कहा कि इस वजह से टाइम नहीं देंगे, आप 17 दिसंबर को तैयार होकर आइए हम बहस सुनेंगे.
अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने जब बंधु तिर्की और प्रदीप यादव का पक्ष रखना चाहा तो स्पीकर ने कहा एक ही मामला दर्ज है, इसलिए सब की सुनवाई एक बार ही की जाएगी.
अधिवक्ता ने कहा कि झारखंड विकास मोर्चा के तीन विधायकों में बंधु तिर्की और प्रदीप यादव भी शामिल हैं.ये कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसलिए उन्हें कांग्रेस का विधायक माना जाए. इलेक्शन कमीशन ने भी इसे लेकर स्पीकर को चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा है कि स्पीकर निर्णय लेंगे कि उन्हें किस पार्टी का विधायक माना जायेगा.
बंधु तिर्की के अधिवक्ता ने बाबूलाल की तरफ से दाखिल जवाब की एक कॉपी मांगी, ताकि इसका अध्ययन कर अगली सुनवाई में अपना पक्ष रख सके.