रांची: झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कोरोना काल के आरम्भिक दौर से बंद सभी स्तर के बार एसोसिएशन के भवनों को खोलने का आग्रह किया है, ताकि राज्य के अधिवक्ता व्यवस्थित ढंग से न्यायिक कार्यों में अपना दायित्व निभा सके. क्योंकि लगातार अधिकांश जिला और अनुमंडल बार एसोसिएशन के अधिवक्ता अपनी कठिनाईयों को बताते है कि न्यायालय परिसर में उन्हें बैठने तक कि बेहतर व्यवस्था नहीं है.
शुक्ल ने कहा है कि वर्चुअल कोर्ट से अधिकांश अधिवक्ताओं को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. राज्य के अधिकांश बार एसोसिएशन से फिजिकल कोर्ट कराने की मांग उठती रही है, जिसको उच्च न्यायालय को अवगत करा दिया गया है.
उन्होंने कहा है कि विभिन्न जिला और अनुमंडलों में जिला दंडाधिकारी और एसडीएम का न्यायालय फिजिकल हो रहा है. इसके साथ अन्य न्यायाधिकरण में भी फिजिकल न्यायालय चल रहा है. ऐसे में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सामाजिक दूरी और मास्क की अनिवार्यता के साथ फिजिकल कोर्ट आरंभ कराने पर विचार करने की आवश्यकता है. ताकि अधिवक्ताओं को कठिनाई का सामना न करना पड़े.
शुक्ल ने कहा है पिछले 8 महीने से देश के साथ झारखंड के भी अधिवक्ताओं को अनेक चुनौतियों और कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. आधारभूत संरचना के अभाव में, बैठने की अव्यवस्था के बीच और निजी कठिनाईयों के बावजूद झारखंड के अधिवक्ताओं ने अपने दायित्वों से मुंह नहीं मोड़ा. लेकिन राज्य सरकार की भूमिका अन्य राज्यों की तरह यहां अधिवक्ताओं के लिए नहीं रही, जिससे असंतोष है.
दिल्ली, गुजरात,उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, तेलंगाना में राज्य सरकारों ने अधिवक्ताओं की पीड़ा को कम करने का प्रयास जरूर किया. यहा भी राज्य सरकार को अपनी उदारता दिखानी चाहिए. अधिवक्ताओं को भी राज्य सरकार से अपेक्षाए रहती है.
शुक्ल ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि झारखंड के अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए अन्य राज्य सरकारों की भांति वे भी कम से कम 100 करोड़ का बजट का प्रावधान झारखंड में निर्धारण करावे ताकि अधिवक्ताओं को राज्य सरकार से जो अपेक्षाए है, वह पूरा हो सके.
शुक्ल ने कहा है कि जल्द ही कौंसिल के सदस्यगण राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर झारखंड में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने और बजटीय प्रावधान स्थापित कराने की मांग के साथ मिलेंगे. ये दोनों मांग राज्य सरकार के पास पहले से ही लंबित है.
आज कोल्हान प्रमंडल के विभिन्न जिला और अनुमंडल बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने शुक्ल से मुलाकात की तथा उन्हें अपनी कठिनाईयों से अवगत कराया. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व झारखंड स्टेट बार कौंसिल के सदस्य और चाईबासा के अधिवक्ता अनिल कुमार महतो ने किया.