दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट को आश्वासन दिया कि 30 नवंबर तक विभिन्न पोस्ट ग्रोजुएट और अंडर ग्रेजुएट के लिए लंबित परिणाम घोषित किए जाएंगे. उपक्रम को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि डीयू की लंबित परिणाम घोषित किए जाने में बिल्कुल भी देरी नहीं होनी चाहिये.
दरअसल, डीयू ने एक याचिका के जवाब में अदालत में यह टिप्पणी की. याचिका में आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय ने 31 अक्टूबर तक सभी परिणाम घोषित करने के लिए अदालत के पहले के आदेश का उल्लंघन किया है.
इस याचिका के जवाब में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने डीयू के वकील की दलीलों पर गौर किया कि स्नातकोत्तर और स्नातक पाठ्यक्रमों के बाकी परिणाम 30 नवंबर तक घोषित किए जाएंगे.
इससे पहले अदालत ने कानून के छात्र प्रतीक शर्मा और ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड’ द्वारा दायर दो याचिकाओं का निपटारा किया था. जो दृष्टिबाधित और विशेष रूप से विकलांग छात्रों के लिए प्रभावी तंत्र स्थापित करने की मांग कर रहा था, ताकि कोविड-19 के दौरान ऑनलाइन क्लासेज के निर्देशों को ठीक से लागू किया जा सके, और शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई गई जा सके.