पीठासीन पदाधिकारियों का सम्मेलन
रांची: 80वां अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारियों की सम्मेलन का अंतिम दिन था. कवाड़िया गुजरात में हो रहे इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वेब के माध्यम से सम्मिलित हुए. पीठासीन पदाधिकारियों के सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान दिवस के अवसर पर प्रस्तावना का पाठ किया, जिसे सभी पदाधिकारीयों द्वारा दोहराया गया.
अध्यक्ष झारखण्ड विधानसभा रबीन्द्र नाथ महतो आज लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व प्रसिद्ध प्रतिमा में पुष्पांजलि अर्पित करने के उपरांत कार्यक्रम में शामिल हुए. सम्मेलन में विभिन्न महत्वपूर्ण संकल्प भी पारित किए गए.
वर्तमान विधायिका की शुरुआत अंग्रेजी प्रशासन में मार्लो मिंटो सुधार के प्रस्ताव से मानी जाती है. इस निमित्त सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि उनके परिवार से भी जो लोग जीवित होंगे उन्हें सम्मानित किया जाए. पीठासीन पदाधिकारियों के शताब्दी वर्ष को पूरे देश में वृहत रूप से मनाया जाएगा.
विधायिका के क्षेत्र में अच्छे कार्य करने वाले विधानमंडल को प्रत्येक वर्ष पुरस्कृत किया जाए. (ई-नेभा) विधानसभा की प्रश्न उत्तर की ऑनलाइन प्रणाली को मजबूत करने के लिए पीठासीन पदाधिकारियों को सम्मेलन में प्रेरित किया गया. राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने भी आज इस सम्मेलन में अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए.
जिसमें उन्होंने मुख्य रूप से कहा कि विधायिका अपने क्षेत्र में ससमय विभिन्न पहलुओं पर कानून बनाने में सशक्त रूप निभाएं, ताकि समय पर कानून नहीं बनने से जो देश अथवा राज्य को क्षति पहुंचती है उससे बचा जा सके. इस सम्मेलन में संकल्प पारित कर इस बात पर भी जोर दिया गया विधायिका न्यायपालिका और कार्यपालिका संविधान में वर्णित अपने क्षेत्राधिकार का पालन करें.