रांची:- इस डिजिटल युग में, जहां फिनटेक कंपनियां प्रतिदिन ई-कॉमर्स और एम-कॉमर्स के नए तरीकों के साथ आ रही हैं, वहीं साइबर अपराधी नागरिकों की डिजिटल साक्षरता के अभाव का लाभ उठाकर आसानी से साइबर अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहें हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग अपनी कड़ी मेहनत की कमाई के पैसे चंद सैकेंडों में खो दे रहे हैं. साइबर अपराधियों के खिलाफ चलाये जा रहे अपने विशेष अभियान के तहत झारखंड पुलिस साइबर अपराधियों के विरूद्व चौतरफा कानूनी कारवाई तेज करने के साथ-साथ लोगों की साइबर जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कारवाई कर रही है. इस हेतु महानिदेषक सह पुलिस महानिरीक्षक के निदेषानुसार झारखण्ड पुलिस द्वारा आम लोगों की जागरूकता बढ़ाने हेतु विस्तृत जानकारी युक्त एक समग्र साइबर सुरक्षा संबंधी जागरूकता पुस्तिका तैयार कर जारी किया है. इस पुस्तिका को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रकार के प्रचलित साइबर अपराधों के बारे में जनता को शिक्षित करना और उन्हें खुद को उससे बचाने के लिए कुछ कारगर तथा सरल सुझाव प्रदान करना है. आम लोगों के लाभ के लिए पुस्तिका को अंग्रेजी तथा हिंदी, दोनो भाषा में तैयार किया गया है. इन्हें झारखंड पुलिस की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है, . यह पुस्तिका आसानी से पढ़ने और समझने के लिए अच्छी तरह से संरचित है. इसके प्रारम्भ में प्रस्तावना है, जिसमें यह वर्णित है कि पुस्तक में क्या-क्या चीज किस क्रम में है. पुस्तिका के प्रारंभिक भाग में इन दिनों प्रतिवेदित हो रहे विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों के बारे में बताया गया है, जिन्हें उनके अपराध षैली के अनुसार वर्गीकृत किया गया है. प्रत्येक अपराध षैली के साइबर अपराध के लिए संबंधित पृष्ठ के शीर्ष पर बने बॉक्स में उसका संक्षिप्त विवरण दिया गया है. उसके ठीक नीचे, साइबर अपराधियों ने किसी पीड़ित को उस विशेष साइबर अपराध का षिकार कैसे बनाया, इसकी एक सरल चित्रात्मक विवरणी दी गई है ताकि एक आम आदमी भी इसे आसानी से समझ सके. प्रत्येक पृष्ठ के निचले भाग में वे टिप्स/संभव तरीके दिये गये हैं, जिन्हें अपना कर कोई भी व्यक्ति उस साइबर अपराध/धोखाधड़ी के जाल में फंसने से बच सकता है.
पुस्तिका में बताए गए विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों के तौर-तरीकों में कुछ परस्पर समानताएं हैं. फिर भी इन पर अलग से चर्चा की गई है क्योंकि साइबर अपराधी बहुत ही सूक्ष्म अंतर के साथ इन तौर-तरीकों का अक्सर उपयोग करते हैं, जिसके कारण कई लोग उस तरह के साइबर अपराध की जानकारी रहने के बाद भी इनका शिकार बन जाते हैं.
साइबर अपराध की निरंतर विकसित-बदलते प्रकार के कारण एक ही दस्तावेज में सभी अपराध शैली के साइबर अपराध को समाहित करना मुश्किल है. अतः पुस्तिका के अन्त में साइबर स्पेस में सुरक्षित रहने के लिए कुछ सामान्य एवं सरल सुझाव भी दिए गए हैं. सभी नागरिकों के लाभ के लिए पुस्तिका के अंत में बच्चों, अभिभावकों और महिलाओं के लिए अलग-अलग साइबर सुरक्षा टिप्स भी दिए गए हैं. जिन व्यक्तियों के पास प्रत्येक अपराध षैली के साइबर अपराध के बारे में विस्तार से पढ़ने का समय नहीं हैं, उन्हें कम से कम इन सामान्य सुझावों को जानने एवं पालन करने की सलाह दी गई है ताकि वे साइबर अपराध का शिकार होने से बच सकें.
हमारा सभी से नम्र निवेदन है कि इस पुस्तिका को अपने दोस्तों और परिचितों के बीच अधिक से अधिक प्रचारित-साझा करें जिससे हमें समाज में ज्यादा से ज्यादा साइबर साक्षरता फैलाने तथा साइबर अपराध से लड़ने में मदद मिले.