मंत्री जोबा मांझी की अध्यक्षता में मजदूरों की समस्याओं का समाधान
चाईबासा:- एशिया के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडार चिड़िया माइंस में काम कर रहे मजदूरों की अब छंटनी नहीं की जाएगी. इस संबंध में काफी दिनों से भारतीय इस्पात प्राधिकरण, सेल के प्रबंधन और मजदूर संगठनों के बीच संघर्ष चल रहा था. इसको लेकर आज चाईबासा में महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी की अध्यक्षता में जिला प्रशासन, सेल प्रबंधन और मजदूर संगठनों के बीच वार्ता हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया कि वर्तमान में कार्यरत चार सौ इक्यानब्बे मजदूरों को काम से नहीं हटाया जाएगा. श्रीमती मांझी ने बताया कि इस संबंध में सेल प्रबंधन द्वारा भी सहमति जतायी गयी है.
उन्होंने बताया कि चिड़ि माइंस में कार्यरत मजदूरों के द्वारा बार-बार किए जा रहे आंदोलन को लेकर माइंस प्रबंधन के पदाधिकारियों के साथ वार्ता किया गया है. उन्होंने बताया कि देवेंद्र मांझी के लम्बे आंदोलन के उपरांत जब खदान प्रारंभ किया गया था उस समय मजदूरों की संख्या लगभग 1,500 के आसपास थी जो आज के समय में 491 रह गई है तथा मजदूरों के द्वारा यह बार-बार शिकायत किया गया कि अभी प्रबंधन के द्वारा उत्पादन कम होने को लेकर मजदूरों की छंटनी करने की बात बताई जा रही है. उन्होंने बताया कि बैठक में चर्चा किया गया कि मजदूरों की छंटनी का आधार क्या है उसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाया जाए क्योंकि यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित के साथ-साथ गरीब तबके का क्षेत्र है और इतनी बड़ी खदान रहने के बाद भी स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं होना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आज के बैठक में यह निष्कर्ष आया है कि हर हाल में स्थानीय श्रमिकों को तरहीज दिया जाएगा और प्रबंधन ने भी इस बात पर सहमति जताई है.
बैठक में उपस्थित रहीं क्षेत्र की सांसद कोड़ा के द्वारा बताया गया कि आज नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अवस्थित चिड़िया मांइस को लेकर बैठक आयोजित किया गया है, जो कि मुख्य रूप से रोजगार सृजन पर आधारित रहा. क्योंकि हम सभी ने इस वैश्विक महामारी कोरोनावायरस संक्रमण के संकट काल में देखा कि प्रवासी मजदूरों की क्या स्थिति है. उन्होंने बताया कि आज का बैठक स्थानीय लोगों को स्थानीय क्षेत्र में रोजगार मिले उसकी एक पहल थी और इस बात को लेकर पिछले कई दिनों से वहां के स्थानीय श्रमिक एवं ग्रामीण आंदोलन भी कर रहे थे और अंततः आज सूबे की मंत्री, जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, चक्रधरपुर अनुमंडल पदाधिकारी के उपस्थिति में प्रयोक्ता कंपनी एवं मजदूर यूनियनों के साथ बैठक आयोजित किया गया. उन्होंने बताया कि आज के बैठक में काफी सकारात्मक बातें भी हुई हैं तथा उचित निर्देशन के साथ प्रबंधन को 15 दिनों का समय दिया गया है जिसमें उन्हें बताना है कि प्रबंधन के द्वारा वर्तमान परिस्थिति में कितना रोजगार सृजन किया जा सकता है और कितने अधिक से अधिक श्रमिकों को काम दिया जाएगा.