रांचीः ओला, उबर जैसी कैब कंपनियों को भारत सरकार की नई मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइंस से बड़ा झटका लगा है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शुक्रवार को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर दिशा निर्देश 2020 जारी किए. मंत्रालय ने राज्य सरकारों से इसे लागू करने को कहा है.
नए दिशा निर्देशों के मुताबिक, टैक्सी सेवाएं संचालित करने वाली कंपनियों को राज्य सरकारों से लाइसेंस लेना होगा. सिस्सेमेटिक फेल्योर से यात्री और ड्राइवर की सुरक्षा का खतरा हुआ तो लाइसेंस निलंबित हो सकता है.
ड्राइवर को 80 फीसदी, कंपनी को 20 प्रतिशत दिशा निर्देश में एग्रीगेटर की परिभाषा को शामिल किया गया है. इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में बदलाव किया गया है. हर ड्राइव पर ड्राइवर को 80 फीसदी किराया मिलेगा, कंपनियों के खाते में सिर्फ 20 फीसदी जाएगा. एग्रीगेटर को बेस फेयर से 50 फीसदी कम किराया लेने की अनुमति होगी. यात्रा रद्द करने पर अधिकतम चार्ज किराए का 10 फीसदी होगा पर यात्री और ड्राइवर दोनों के लिए 100 रुपये से अधिक नहीं लगेगा.