रांची: क्रांतिकारी विचारक, दार्शनिक और कार्ल मार्क्स के साथ मिलकर सामाजिक परिवर्तन के वैज्ञानिक सिद्धांत का अविष्कार करने वाले फ्रेडरिक एंगेल्स की 200वीं जयंती का आयोजन आज पुरे राज्य में किया गया.
रांची में पार्टी के राज्य कार्यालय में फ्रेडरिक एंगेल्स की तस्वीर पर माल्यार्पण करने के बाद पार्टी राज्य सचिवमंडल सदस्य सुरजीत सिन्हा ने कहा कि मार्क्सवादी विश्व दृष्टि के विकास और विस्तार में एंगेल्स का सैद्धांतिक योगदान बेहद महत्वपूर्ण है. ब्रह्मांड तथा जीवन के भौतिक विकास, उसकी गति तथा मानव समाज को निर्धारित करने वाले हर नियम द्वंदात्मक अन्वेषण और द्वंदात्मक तरीके के उन्मुक्त होने का एक समृद्ध स्त्रोत है.
फ्रेडरिक एंगेल्स ने ही मानव समाज के विकास में श्रम की भूमिका को सिद्ध किया. अपनी चर्चित पुस्तक “बंदर से आदमी बनने में श्रम की भूमिका” में उन्होंने लिखा कि कैसे इंसान के हाथों उसकी संवेदनाओं, बोलचाल आदि के विकास में श्रम ने अपनी भूमिका अदा की थी. यह किसी दैवीय रचना की पैदाइश नहीं थे, बल्कि उनका मूल जिंदगी के भौतिक आधार में निहित है.
समीर दास ने कहा कि एंगेल्स केवल सिद्धांतकार ही नहीं एक बेहतर संगठनकर्ता भी थे. 1864 में उन्होंने इंटरनेशनल वर्किंगमैन एसोसिएशन की स्थापना में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी, जिसे प्रथम इंटरनेशनल के नाम से जाना जाता है. जिसने पुरी दुनिया के वामपक्षीय समुहों को जोड़कर एक साझा संगठन में लाने का प्रयास किया था, जिससे अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन को खड़ा करने में काफी मदद मिली थी. प्रफुल्ल लिंडा ने कहा कि दो वार्षिक शताब्दी का यह समारोह पूरे साल चलेगा.