रांची:- भारतीय जनता मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष, धर्मेंन्द्र तिवारी ने आज डा. राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि ‘देशरत्न’ श्रद्धेय राजेन्द्र प्रसाद जी सादगी और सरलता की प्रतिमुर्ति थे. उन्होंने कहा कि राजेन्द्र बाबू ने अहिंसा के रास्ते पर चलकर देश को आजादी दिलानेवाले नेताओं में से एक थे. स्वाधीन भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनने और इस पद पर 12 वर्ष रहने के बाद भी अंहकार एवं ठसक से पूरी तरह मुक्त और किसानों की वेशभूषा में रहनेवाले व्यक्ति थे, हमारे राजेन्द्र बाबू. उन्होंने कहा कि मानवता के सच्चे पुजारी थे, इन्होंने जाति-धर्म से इतर हर समुदाय के वंचितों की यथासंभव सहायता की, जिसके कारण इन्हें बिहार के गाँधी उपनाम से भी संबोधित किया जाता है.
तिवारी ने बताया कि राजेन्द्र बाबू कई भाषाओं के ज्ञाता एवं महान विद्धान थे. भारत का संविधान बनाने में भी उनका अमूल्य योगदान था और इसे भुलाया नहीं जा सकता. राजेन्द्र बाबू का प्रत्येक पल और कार्य देश एवं देश की जनता के प्रति समर्पित था. हमें उनके आदर्शों, सिद्धान्त एवं सादगी का अनुसरण करते हुए देश की उन्नति में अपना योगदान देना होगा. यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजली होगी.