रांची:- झारखंड प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी ने कहा है कि एक साधारण से कार्यकर्त्ता पर आरोप लगाने के पहले विधायक इरफान अंसारी को यह बताना चाहिए कि पार्टी संगठन को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने वाले बाप-बेटे ने कितने युवाओं और अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया.
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया के लिए विधायक इरफान अंसारी की भूमिका सिर्फ एक जोकर के रूप में ही बनकर रह गयी है, उनके गैर जिम्मेदाराना रवैये और बयान से प्रतिद्वंदी राजनीतिक दलों को चुटकी लेने और सरकार को घेरने का अवसर मिल जाता है. कई बार तो वे समाज के विभिन्न तबके ,महिला और व्यक्तिगत टिप्पणी भी कर जाते है, जिसके लिए उन्हें माफी मांगना पड़ जाता है और फिर मामले को रफादफा करने के लिए अंदरखाने के माध्यम से प्रयास शुरू कर देते है. लेकिन एक बार जब उनकी सच्चाई को मीडिया के सामने बताने की कोशिश की गयी, तो अपने पार्टी नेताओं-कार्यकर्त्ताओं को ही बिचौलिया और दलाल बताने में जुट गये है, इससे फिर एक बार उनकी किरकिरी होनी तय है. उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार और कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी कर संगठन और सरकार दबाव बनाने का काम करते है और फिर चुपके से जाकर मुख्यमंत्री और मंत्री से मिलकर निजी लाभ के लिए अधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापन का आग्रह करते हैं. विधायक इरफान अंसारी को यह नहीं भुलना चाहिए कि कार्यकर्त्ताओं और संगठन की बदौलत ही वे चुनाव जीत कर आते है, लेकिन इसके बावजूद उनके द्वारा साधारण पार्टी कार्यकर्त्ताओं का अनादर किया जाना दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.
शकीत अख्तर अंसारी ने कहा कि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भी फुरकान अंसारी और इरफान अंसारी ने सिर्फ अपने निजी स्वार्थ के लिए गठबंधन नहीं होने दिया था, जिस कारण भाजपा गठबंधन की सरकार बन गयी थी, लेकिन इस बार गठबंधन में उन्होंने अपनी सीट को सुरक्षित समझ कर गठबंधन पर सहमति दी और फिर से चुनाव जीतने के बाद कार्यकर्त्ताओं का ही अपमान कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष रहने के दौरान इरफान अंसारी और उनके पिता फुरकान अंसारी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने ही खुलकर बयानबाजी कर अनुशासनहीनता का परिचय दिया. इरफान अंसारी ने पार्टी संगठन की मजबूती को लेकिन कितने कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, कितने लोगों को संगठन से जोड़ा, राज्य के कितने क्षेत्रों का दौरा किया , कोरोना काल में भी सिर्फ बयानबाजी के अलावा उन्होंने किस तरह की भूमिका निभायी, यह स्पष्ट करना चाहिए.