हैदराबाद: शहर में आज भारतीय विदेश मंत्रालय 64 देशों के विदेश राजनायिकों को लेकर भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल-ई पहुंचा है.राजनयिकों को कोरोना वैक्सीन पर काम कर रहे वैज्ञानिकों की ओर से अब तक हुई प्रगति के बारे में बताया गया है. हैदराबाद में कोरोना वायरस की वैक्सीन, कोवैक्सीन तैयार की जा रही है.
भारत बायोटेक के अध्यक्ष किशन एला ने अपनी कंपनी और टीके उत्पादन में हासिल किए गए मील के पत्थर के बारे में एक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि “33 फीसदी वैश्विक टीके का जीनोम घाटी में उत्पादन किया जा रहा है. पीएम ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन मानवता के लिए उपलब्ध होंगे, इंडस्ट्री उनके सपने को साकार करेगी. हैदराबाद में सबसे बड़ी एफडीए स्वीकृत वैक्सीन सुविधाएं हैं.”
कोरोना वैक्सीन फैसिलिटी का दौरा
भारत-बायोटेक और बायोलॉजिकल-ई जैसी कम्पनियां कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीन निर्माण व उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. भारत बायोटेक ने जहां कोवैक्सीन नामक टीका विकसित किया है वहीं बायोलॉजिकल-ई कम्पनी के साथ अमेरिका के ओहायो स्टेट इनोवेशन फंड ने नई वैक्सीन तकनीक में साझेदार बनाई है. दोनों कंपनियों के कोरोना वायरस के टीके विकसित करने की फैसिलिटी को देखने के लिए राजनयिक हैदराबाद की एक दिवसीय यात्रा पर हैं.