रांची:- झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह खाद्य आपूर्ति एवं वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव,कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम,मंत्री बादल पत्रलेख,बन्ना गुप्ता,प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डा राजेश गुप्ता छोटू,झारखंड प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी,प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षं आदित्य विक्रम जयसवाल,कांग्रेस नेता निरंजन पासवान,प्रदेश कांग्रेस खेल विभाग के चेयरमैन अमरेन्द्र कुमार सिंह, सहित कांग्रेस के वरीष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों, विधायकों ,सांसदों ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी द्वारा जारी धरोहर श्रृंखला की उनतीसवीं वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप पर अपलोड कर देश के वर्तमान पीढ़ियों को अवगत कराने का काम किया.
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा रामेश्वर उराँव आज राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की उनतीसवीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक एवं ट्विटर पर जारी पोस्ट को शेयर करने के उपरांत मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस अधिवेशन में श्री मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में तैयार नेहरू रिपोर्ट भारतीय बुद्धिमता पर सवाल उठाती ब्रिटिश हुकूमत को करारा जवाब थी. नेहरू रिपोर्ट ने हमारे महान संविधान की संरचना का खाका तैयार कर दिया था, धरोहर का यह एपिसोड भारतीय बुद्धिमत्ता का उत्कृष्ट उदाहरण है. डॉ रामेश्वर उरांव ने जारी कहा कि अंग्रेज सत्ता अहंकार में इतनी चूर हो गई थी कि उसको भारतीय हर मामले में अयोग्य नजर आने लगे. साइमन कमीशन के समय भी अंग्रेजों ने यह कहते हुए कि भारतीय संविधान बनाने योग्य नहीं है एक भी भारतीय को कमीशन का सदस्य नहीं बनाया गया. पंडित जवाहरलाल नेहरू सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं और देशवासियों को अंग्रेजों के ये अहंकार और भारतीयों को कम आंकने की हनक भीतर तक छुभ गई. कांग्रेस में 1927 के मद्रास में संविधान का ड्राफ्ट बनाने की अंग्रेजों की चुनौती स्वीकार की और यहीं से नेहरू रिपोर्ट का जन्म हुआ. संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मोतीलाल नेहरू की अगुवाई में एक समिति बनी जिसके सचिव बने पंडित जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस.अली इमाम, तेज बहादुर सप्रू,एमएसएन मंगल सिंह,सोयब कुरैशी एवं जी आर प्रधान इसके सदस्य बने. मात्र 8 महीने के भीतर 28 अगस्त 1928 को नेहरू कमेटी ने संविधान का ड्राफ्ट तैयार करके जमा कर दिया ,यह भारतीयों की बुद्धिमता और योग्यता पर संदेह करती अंग्रेजी हुकूमत के गाल पर तमाचा था और जब भी किसी ने भारत या भारतीयों को कम समझने का दुस्साहस किया है हमारे देश में हमेशा पुरजोर जवाब दिया है.
कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कांग्रेस की धरोहर उनतीसवीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप,इंस्टाग्राम पर जारी करते हुए कहा कि सभी दलों की सिफारिश पर तैयार नेहरू रिपोर्ट में देश को डोमिनियन स्टेटस की बात की गई. हालांकि पंडित नेहरू और नेताजी जैसे युवा कांग्रेसी नेता पूर्ण स्वराज के पक्ष में थे, यही नहीं 21 साल की उम्र के महिला पुरुष के लिए समान मताधिकार सहित 19 मौलिक अधिकार की वकालत नेहरू रिपोर्ट में की गई. नेहरू रिपोर्ट में धर्मनिरपेक्षता की भी सिफारिश की गई.
झारखंड सरकार में कांग्रेस मंत्री बादल पत्रलेख एवं बन्ना गुप्ता ने धरोहर वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक, ट्विटर व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर जारी करते हुए कहा कि नेहरू रिपोर्ट में धर्मनिरपेक्षता की सिफारिश के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट की स्थापना और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को भी प्राथमिकता दी गई. इसके अतिरिक्त नेहरू रिपोर्ट में मांग की गई भारतीयों के मौलिक अधिकार जब्त नहीं किए जाएंगे .
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से धरोहर वीडियो की उनतीसवीं वीडियो जारी करते हुए कहा कि नेहरु रिपोर्ट ने हमारे संविधान की संरचना का खाका तैयार कर दिया था, जब भी संविधान पर हमला हुआ कांग्रेस देशवासियों के साथ मिलकर आताताई सत्ता के रास्ते में खड़ी हो गई. हमारा संविधान हमारे जीने की उम्मीद से लेकर तरक्की का रास्ता तक है इसकी रक्षा करना हम सब का कर्तव्य है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सुखेर भगत,चैतू उराँव, सन्नी टोप्पो,बेलस तिर्की, फिरोज रिजवी मुन्ना, सोनी नायक,जितेन्द्र त्रिवेदी, विनीता पाठक,विभय शाहदेव, सहित पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, विधायक ,सांसद, मंत्रियों ने धरोहर वीडियो को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के समक्ष प्रेषित किया है जो काफी ट्रेंड कर यहा है