रांची:- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर 12 घंटे की हड़ताल का झारखंड में भी खासा असर देखने को मिला. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स समेत अन्य सदर अस्पतालों में ओपीडी सेवा पूरी तरह से ठप्प रही, जिसके कारण मरीज और उनके परिन परेशान दिखे गये.
आईएमए की झारखंड इकाई ने मिक्सोथेरेपी का विरोध करते हुए हड़ताल का जोरशोर से समर्थन किया. रांची स्थित रिम्स में सुबह-सुबह ओपीडी सेवाएं बहाल की गई थी और मरीजों को डॉक्टरों के द्वारा देखा जा रहा था लेकिन जैसे ही ओपीडी सेवाएं चालू होने की जानकारी आईएमए और जेडीए को प्राप्त हुई उसके बाद सभी टीम ने मिलकर तुरंत ही ओपीडी सेवा दे रहे सभी चिकित्सकों को कार्य बहिष्कार कराया.
डॉक्टरों का यह विरोध सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) की एक अधिसूचना नोटिफिकेशन के कारण हो रहा है. इस नोटिफिकेशन के तहत आयुर्वेट से पोस्ट ग्रेजुएट्स को भी सामान्य सर्जरी की मंजूरी दे दी गई है. देश सहित झारखंड राज्य के लगभग सभी निजी अस्पताल और जिला सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा का बहिष्कार किया है और इसका असर राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में भी देखने को मिला. रिम्स के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने भी आईएमए का समर्थन करते हुए ओपीडी सेवा का बहिष्कार किया है.
रिम्स प्रबंधन ने सभी सीनियर डॉक्टरों को ओपीडी सेवा जारी रखने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सुबह करीब 10ः00 बजे रिम्स के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्य और आईएमए के सदस्यों ने रिम्स पहुंचकर रिम्स के ओपीडी में मरीजों को सेवा दे रहे सीनियर डॉक्टर से भी ओपीडी का बहिष्कार करने का आग्रह किया. जिसके बाद रिम्स के कई ओपीडी विभाग को बंद कर दिया गया.
वहीं ओपीडी सेवा बंद कराने के बाद मरीजो को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, दूरदराज से आए मरीजों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि सुबह से ही नंबर लगाकर डॉक्टर से दिखाने के लिए आए थे लेकिन बंद के कारण अब हमें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है.