निरज कुमार,
रांची: राज्य में डायन-बिसाही के नाम पर कई लोग अपनी जान गवां देते हैं. अगर हम सरकार की आंकड़ों पर विश्वास करें तो बीते नौ माह में डायन-बिसाही के चलते 19 लोगों की जानें गयी हैं. यानी, एक माह में दो घटनाएं हो रही हैं. जिसमें डायन बिसाही के आरोप में किसी बेकसूर की हत्या कर दी जाती है. ऐसे कई मामलों में तो भीड़ द्वारा भी हत्या कर दी जाती है. पिछले वर्ष 2019 में राज्य में 34 ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया गया था.
2019 में पूरे देश में तीसरे स्थान पर था झारखंड
बता दें कि 2001 से लेकर 2020 अभी तक एनसीआरबी के आंकड़ों के हिसाब से 613 लोगों ने अपनी जान गवा दी है. जिसमें 2013, 2014, 2015 और 2016 में झारखंड राज्य पूरे देश में डायन प्रथा के मामलों में सबसे टॉप पर रहा था. वहीं पिछले वर्ष 2019 में पूरे देश भर में तीसरे स्थान पर रहा था.
ज्यादातर मामलों में पड़ोसी देते हैं घटना को अंजाम
ज्यादातर मामलों में पड़ोसियों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाता है. वहीं बहुत से मामलों में गांव के लोगों द्वारा भी इस तरह की घटना का अंजाम दिया जाता है.