नई दिल्ली: कोरोना वायरस के फैलने की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए लागू किए लॉकडाउन के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां लंबे समय तक ठप रहीं. अब लॉकडाउन में छूट के बाद कारोबारी गतिविधियों में धीमी रफ्तार से सुधार हो रहा है.
इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई. अभी भी देश-दुनिया के संस्थान चालू वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में 7 से 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान जता रहे हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही अर्थव्यवस्था में सुधार होगा. उन्होंने हाल में कहा था कि घाटे के बाद भी सरकारी खर्च में किसी तरह की कटौती नहीं की जाएगी. साथ ही कहा था कि सरकारी कंपनियों (PSUs) से पूंजीगत खर्च बढ़ाने को कहा जाएगा. इससे साफ है कि वित्त मंत्रालय बजट 2021 में सरकारी खर्च बढ़ाने का ऐलान कर सकता है. अगर सरकार ज्यादा से ज्यादा खर्च करती है तो जीडीपी में मजबूत बढ़ोतरी की जमीन तैयार हो जाएगी.
निर्मला सीतारमण ने हाल में एक समिट में कहा था कि बेहतर इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए वित्त वर्ष 2021-22 बहुत अहमियत रखता है. इस दौरान किया गया सरकारी खर्च अगले चार से पांच साल के लिए मजबूत बढ़ोतरी की नींव तैयार करेगा. साथ ही कहा था कि उनका मुख्य फोकस बजट और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने को लेकर है.
इस दौरान उन्होंने यह साफ नहीं किया कि बजट 2021 में सरकारी खर्च में कितने फीसदी बढ़ोतरी का प्रावधान किया जा सकता है. हालांकि, उन्होंने ये स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार को आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ाने के लिए आने वाले समय में खर्च में बढोतरी करनी होगी.