सुप्रीम कोर्ट फेसबुक इंक की उस याचिका पर सुनवाई पर राजी हुआ है, जिसमें यूजर्स के सोशल मीडिया अकाउंट को आधार नंबर से जोड़ने की मांग करने वाले केस को मद्रास, मुंबई और मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने की मेल भेज कर 13 सितंबर तक जवाब देने को कहा। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायूर्मित अनिरूद्ध बोस की बेंच बोली कि जिन पक्षों को नोटिस जारी नहीं किए गए हैं उन्हें ई-मेल से नोटिस भेजे जाएं। बेंच ने आगे कहा-यूजर्स की सोशल मीडिया प्रोफाइल आधार से जोड़ने के मामले मद्रास हाईकोर्ट में पेंडिंग हैं, उन पर सुनवाई जारी रहेगी। पर कोई अंतिम फैसला नहीं दिया जाएगा ।
फेसबुक इंक का तर्क है कि 12 अंको का आधार संख्या को शेयर करने से यूजर्स की गोपननीयत नीति का उल्लंघन होगा। फेसबुक इंक तमिलनाडु सरकार के हाल में दिए सुझाव का विरोघ कर रहा है। फेसबुक इंक का तर्क है कि 12 अंको की आधार को शेयर करने से यूजर्स की गोपनीयता नीति का उल्लंघन होगा। फेसबुक इंक के मुताबिक, वह तीसरे पक्ष के साथ आधार संख्या शेयर नहीं कर सकता है, क्योकिं त्वरित मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप मैसेज को कोई और नहीं देख सकता है और यहा तक कि उनकी भी पहुंच नहीं है।
फेसबुक, टिवटर और इंस्टाग्राम सरीखे सोशल माडिया प्लैटफार्म से आगामी दिनों में आधार दिनों में आधार कार्ड लिंक होगा या नहीं? यह मसला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है । तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है की आधार को लिंक करवाना अनिवार्य किया जाना चाहिए, ताकि आतंकियों के मैसेज, पॉर्नोग्राफी पर लगाम लग सके।