कहा-140वर्ष साल पुरानी कांग्रेस की तुलना में 40वर्ष पुरानी बीजेपी में कार्यकर्त्ता से अधिक वंशवाद देखने को मिलेगा
रवि सिन्हा
रांची:- झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने भारतीय जनता पार्टी में केंद्र से लेकर झारखंड और जिला स्तर तक व्याप्त वंशवाद को लेकर आज पहली सूची जारी की है. प्रदेश प्रवक्ताओं ने कहा कि ारतीय जनता पार्टी नेता बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की बर्बादी और चौपट अर्थव्यवस्था समेत अन्य मूल मुद्दों पर से ध्यान हटाने के लिए दूसरे दलों पर वंशवाद और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाती है, लेकिन उस पार्टी में ही दर्जनों नहीं, बल्कि वंशवाद के ऐसे सैकड़ों उदाहरण है, जिसकी जानकारी सभी को है, परंतु भाजपा नेता सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सिर्फ दूसरे दलों पर ही अब तक आरोप लगाती रही है. लेकिन अब पार्टी ने इसका मुंहतोड़ जवाब देने का निर्णय लिया है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि 140साल पुरानी कांग्रेस पार्टी की तुलना में यदि 40 वर्ष पुरानी भाजपा नेताओं के पुत्र और सगे-संबंधियों के सक्रिय राजनीति में आने, उनके विधायक, सांसद और मंत्री बनने की तुलना की जाए, तो उसकी संख्या कांग्रेस समेत अन्य दूसरी पार्टियों से अधिक होगी.
पार्टी की ओर से भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के जिन नेताओं के वंशवाद की सूची जारी गयी है, उनमें केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र पंकज सिंह, कल्याण सिंह के राजविर सिंह, वसुंधरा राजे के दुष्यंत सिंह प्रमोद महाजन की पूनम महाजन, गोपीनाथ मुंडे के प्रितम मुंडे व पंकजा मुंडे, प्रेम कुमार घुमल के अनुराग ठाकुर, मेनका गांधी केवरूण गांधी, हुकमदेव नारायण यादव के अशोक यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य के संघमित्रा मौर्य एकनाथ खडसे के रक्षा खडसे , वेद प्रकाश गोयल के पियुष गोयल, ठाकुर प्रसाद गोयल के पियुष गोयल, यशवंत सिन्हा के जयंत सिन्हा रमण सिंह के अभिषेक सिंह, दिलीप सिंह भुरिया के निर्मला भुरिया ,साहिब सिंह वर्मा के प्रवेश वर्मा, सरदार सदाशिव राम महादिक के गायत्री राजे महादिक, सीपी ठाकुर के विवेक ठाकुर, अश्विनी चौबे के अर्जित शास्वत, कल्याण सिंह कंयती के संदीप सिंह, ब्रज भूषण शरण सिंह के प्रतिक भूषण विधायक यूपी, बीएस यदुरप्पा के बी. वाई राघवेन्द्र, कैलाश विजयवर्गीय के आकाश विजय वर्गीय, प्रेम कुमार धूमल के अनुराग ठाकुर, गंगाधर फडनवीस के देवेंद्र फडनवीस, मेनका गांधी के वरूण गांधी, लालजी टंडन के आशुतोष टंडन ,साबेह सिंह वर्मा के परवेश सिंह वर्मा, वसुधंरा राजे के दुष्यंत वर्मा, सारथी लाल वर्मा के विजय गोयल , बीआर अम्बेडकर के यशवंत अंबेडकर,प्रकाश सुजात अंबेडकर, रामविलास पासवान के चिराग पासवान और ठाकुर प्रसाद के रविशंकर प्रसाद शामिल है.
वहीं झारखंड के प्रमुख नेताओं में रविन्द्र पांडे के विक्रमा पांडे, दिनेश षांडंगी के कृणाल षाडंगी, रघुवर दास के मनोज दास ,लाल हमेंत देहाती के भानू प्रताप शाही, कड़िया मुंडा के जगन्नाथ मुंडा, रामचंद्र चंद्रवंशी के ईश्वर सागर चंद्रवंशी, मनोज भुईंया की सबिता देवी, बीडी राम के राधाकृष्ण किशोर, यशवंत सिन्हा के जयंत सिन्हा और रीतलाल वर्मा के पुत्र प्रणय वर्मा शामिल है.
प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि सिर्फ केंद्र में ही नहीं, बल्कि झारखंड समेत देशभर के भाजपा नेताओं के सगे-संबंधी सक्रिय संसदीय राजनीति में हैं. लेकिन पार्टी ने कभी इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश नहीं की, परंतु झारखंड प्रभारी दिलीप सैकिया समेत अन्य भाजपा नेता जिस तरह बार-बार दूसरे दलों पर वंशवाद का आरोप लगा रहे हैं, वैसी स्थिति में उन्हें आइना दिखाना जरूरी हो गया था.
प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि भाजपा के तमाम छोटे-बड़े नेता खुद वंशवाद का शिकार है ,परंतु वे अपने अंदर झांकने की बजाय दूसरे को नसीहत देने में लगे रहे है. उन्होंने कहा कि आज भाजपा के कुछ बड़े नेताओं के वंशवाद की ही सूची जारी की जा रही है, जिला व अन्य नेताओं की सूची जारी नहीं की गयी, जबकि सच्चाई है कि पंचायत से लेकर जिला स्तर तक के भाजपा नेता वंशवाद का सहारा लेकर ठेका-पट्टा व सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में लगे हैं.