रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि रांची के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो की हेमंत सोरेन सरकार में एक इसाई समुदाय के विधायक कोमंत्री बनाने की मांग पूरी तरह से जायजा है और पार्टी इसका समर्थन करती है. परंतु मंत्री पद का विषय पूरी तरह से मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार का मसला है, इसलिए पार्टी या कोई अन्य संगठन इस मसले पर सिर्फ आग्रह ही कर सकता है और इस तरह के आग्रह को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. हर वर्ग और समुदाय की सरकार से अपनी मांग होती है और वह अपनी बात रखने को पूरी तरह से स्वतंत्र है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा का यह बयान पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है कि झारखंड में चर्च के कुछ पदाधिकारी राजनीतिक हस्तक्षेप करते है, जबकि सच्चाई है कि इस तरह की मांग विभिन्न संगठनों की ओर से समय-समय पर की जाती रही है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में रघुवर दास सरकार में अल्पसंख्यक व इसाई धर्मावलंबियों के साथ भेदभाव आम बात थी, उनके हक और अधिकार पर कुठाराघात किया जा रहा था, लेकिन अब गठबंधन सरकार में सभी वर्गों का समुचित विकास संभव हुआ है.
प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि चुनाव के दौरान भी भाजपा ने चर्च की भूमिका पर कई सवाल खड़े थे, लेकिन खूंटी, सिमडेगा और गुमला जिले में भाजपा नेताओं की अपील को क्षेत्र की जनता ने खारिज कर दिया था.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि झारखंड के विभिन्न सुदूरवर्ती हिस्सों में शैक्षणिक विकास, चिकित्सीय सुविधा और मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में इसाई धर्मावंबियों और चर्च की भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है.