दिल्ली: तीन कृषि कानूनों पर वामपंथी दलों के रुख को उनका ‘पाखंड’ बताते हुए भाजपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि त्रिपुरा, केरल और पश्चिम बंगाल में अपने शासन के दौरान उसने किसानों पर ‘अत्याचार’ किए. पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जहां भी वामपंथी दल शासन में रहे वहां किसानों और अर्थव्यवस्था के लिए ‘कुछ नहीं बचा’.
उन्होंने कहा, ‘1993 से 2018 तक त्रिपुरा में वामपंथ की सरकार रही और मुझे बताते हुए दुख हो रहा है कि 25 वर्षों तक किसी भी फसल पर कोई भी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) नहीं थी. त्रिपुरा एकमात्र ऐसा राज्य था जहां एमएसपी लागू नहीं होती थी. ये तमाम वामपंथी नेता, जिन्होंने किसानों पर अत्याचार किए, वे आज किसान हितैषी बने हुए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा की सरकार 2018 में आई तो सबसे पहला काम उसने धान की सरकारी खरीदी की की. सरकार ने 48,716 टन धान 27,735 किसानों से 86.65 करोड़ रुपये में खरीदे. वामपंथी शासन के अधीन जो किसान 10 से 12 रुपये प्रति किलो की दर से बेचता था वही अभी भाजपा के शासन में 18.5 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहा है.’
पात्रा ने दावा किया कि जब त्रिपुरा में वामपंथ की सत्ता थी तब 2017-18 में कृषि विकास की दर मात्र 6.4 प्रतिशत थी. उन्होंने कहा, ‘अब भाजपा की सत्ता है त्रिपुरा में. पिछले लगातार दो सालों 2018-2019 और 2020-2021 में कृषि विकास की दर बढ़कर 13.5 प्रतिशत हो गई.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘जहां-जहां वामपंथी दलों का शासन रहा है वहां -वहां किसानी डूबी है, वहां-वहां किसानों पर अत्याचार हुआ है. जब-जब भाजपा आई है किसान आगे बढ़ा है. जहां लेफ्ट शासन में होता है, वहां किसानों का, अर्थव्यवस्था का कुछ बचता नहीं है. सब कुछ समाप्त हो जाता है.’