प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर युवक-युवतियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाएगा
रांची:- राज्य के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा है कि झारखंड के 6.68लाख निबंधित बेरोजगारों को 2021 में बेरोजगारी भत्ता उपलब्ध कराया जाएगा, वहीं युवाओं को प्रशिक्षण उपलब्ध करा कर स्वरोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा.
सत्यानंद भोक्ता ने शनिवार को रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों के नियोजनालय में अभी 6.68लाख लोग निबंधित है, सरकार और पार्टी घोषणा पत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर पास बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया गया था, कोरोना संक्रमण के कारण इस काम में थोड़ा विलंब हुआ है, लेकिन अब बेरोजगारी भत्ता देने को लेकर फाइल विभाग में तेजी से मूव कर रही है, वे खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे है और वर्ष 2021 में युवाओं को बेरोजगारी भत्ता भी देने का काम किया जाएगा.
श्रम मंत्री ने बताया कि अभी केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा जारी पत्र के आलोक में ही राज्य सरकार कोविड-19 को लेकर आदेश जारी कर रही है. कोविड-19 संक्रमण के कारण अभी केंद्र सरकार की ओर से सभी प्रशिक्षण बंद रखने को कहा गया है और यह बताया गया है कि दो महीना काफी सचेत रहने की जरुरत है, उसके बाद सरकार आगे का फैसला लेगी, जैसे ही केंद्र सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त हो जाता है युवाओं को प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो जाएगा और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.
सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में एक लाख लोगों को एक दिन में नियुक्ति पत्र देने का रिकॉर्ड भले ही बना लिया गया, लेकिन आज नौकरी पाने वाले उन युवाओं का कोई अता पता नहीं है, सब फर्जी था, सिर्फ रघुवर दास की मनमर्जी चली. उन्होंने कहा कि मार्च में कोरोना संक्रमण के कारण जब पूरे देश में भगदड़ मच गयी, लोगों को लगा कि अब कुछ बचेगा ही नहीं, देशव्यापी लॉकडाउन में लोग पैदल, साईकिल से, ऑटो से, स्कूटी, बाइक से मालवाहक वाहन से जिसे जो मिला, उसकी सहायता लेकर घर वापस लौट रहे थे, उस वक्त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लोगों को , विशेषकर प्रवासी श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन और सुदूरवर्ती इलाकों से हवाईजहाज से वापस लाया गया. इसके अलावा पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में यात्री बस भेज कर लोगों को वापस घर पहुंचाने का काम किया.