नई दिल्लीः संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल दिल्ली की सीमाओं पर लगभग एक महीने से किसानों का प्रदर्शन जारी है. इसी बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आकाशवाणी पर प्रसारित किए जाने वाले कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं. यह इस कार्यक्रम का 72वां और 2020 का आखिरी संस्करण है. माना जा रहा है कि वे इसमें कृषि कानूनों के फायदे के बारे में चर्चा कर सकते हैं. वहीं किसान संगठनों ने ताली और थाली बजाकर कार्यक्रम का विरोध करने की घोषणा की है.
पीएम मोदी ने साहिबजादे को किया याद
लेकिन, हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई. दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊंची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए.
आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था. अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें.
मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे देश में आतताइयों से, अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए, कितने बड़े बलिदान दिए गए हैं, आज उन्हें याद करने का भी दिन है.
हमें वोकल फॉर लोकल की भावना को बनाए रखना है
दिल्ली एनसीआर और देश के दूसरे शहरों में ठिठुरती ठंड के बीच बेघर पशुओं की देखभाल के लिए कई लोग, बहुत कुछ कर रहे हैं. वे उन पशुओं के खाने-पीने और उनके लिए स्वेटर और बिस्तर तक का इंतजाम करते हैं.
साथियो, हमें वोकल फॉर लोकल की भावना को बनाए रखना है, बचाए रखना है, और बढ़ाते ही रहना है.
मैं देश के मैन्यूफैक्चरर्स और इंडस्ट्री लीडर्स से आग्रह करता हूं: देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है. वोकल फॉर लोकल ये आज घर-घर में गूंज रहा है. ऐसे में अब, यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे प्रोडक्ट्स विश्वस्तरीय हों.
देश में बढ़ी तेंदुओं की संख्या
साथियो, मैंने, तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक ह्रदयस्पर्शी प्रयास के बारे में पढ़ा. आपने भी सोशल मीडिया पर इसके विजुअल्स देखे होंगे.
आपको इन बातों की भी जानकारी होगी कि पिछले कुछ सालों में, भारत में शेरों की आबादी बढ़ी है, बाघों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, साथ ही, भारतीय वनक्षेत्र में भी इजाफा हुआ है.
देश के अधिकतर राज्यों में, विशेषकर मध्य भारत में, तेंदुओं की संख्या बढ़ी है.
भारत में बने उत्पादों का इस्तेमाल करें
मैंने पहले भी कहा है और फिर से देशवासियों से आग्रह करुंगा. आप एक सूची बनाएं. दिनभर हम जो चीजें काम में लेते हैं, उन सभी चीजों की विवेचना करें और ये देखें कि अनजाने में कौन सी विदेश में बनी चीजों ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है. एक प्रकार से हमें बंदी बना लिया है. इनके भारत में बने विकल्पों का पता करें और ये भी तय करें कि आगे से भारत में बने, भारत के लोगों की मेहनत से, पसीने से बने उत्पादों का हम इस्तेमाल करें. आप हर साल न्यू ईयर रिसॉल्यूशन लेते हैं. इस बार एक रिसॉल्यूशन अपने देश के लिए भी जरूर लें.
मैंने देश में आशा की एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है
साथियों, देश के सामान्य से सामान्य मानवी ने इस बदलाव को महसूस किया है. मैंने देश में आशा की एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है. चुनौतियां खूब आईं. संकट भी अनेक आए. कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अेक बाधाएं भी आईं लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए. देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ. अगर शब्दों में कहना है तो इस सामर्थ्य का नाम है आत्मनिर्भरता.
इस बार नए साल में देश को शुभकामनाएं देनी चाहिए
मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार. आज की ‘मन की बात’ एक प्रकार से 2020 की आखिरी ‘मन की बात’ है. साथियो, मेरे सामने आपकी लिखी ढ़ेर सारी चिट्ठियां हैं. माय गोव पर जो आप सुझाव भेजते हैं, वो भी मेरे सामने हैं. कितने ही लोगों ने फोन करके अपनी बात बताई है. ज्यादातर संदेशों में, बीते हुए वर्ष के अनुभव और 2021 से जुड़े संकल्प हैं. हमारा देश 2021 में उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़े. इस बार नए साल में देश को शुभकामनाएं देनी चाहिए.