पी चिदंबरम की गिरफ्तारी की राह आसान बनाने वाले न्यायमूर्ति सुनील गौड़ बृहस्पतिवार को सेवानिवृत्त हो गए. वह दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर तैनात थे. बता दें कि गौड़ ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर उनकी गिरफ्तारी का रास्ता आसान कर दिया था.
न्यायमूर्ति गौड़ ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं के अभियोजन की भी राह तैयार की थी. न्यायमूर्ति गौड़ को अप्रैल 2018 में पदोन्नत कर उच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया था. उन्हें 11 अप्रैल 2012 को स्थायी न्यायाधीश नामित किया गया. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अन्य हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई की.
Also Read This : अमेजन के जंगलों में अब तक की सबसे भयावह आग, दुर्लभ प्रजातियों के साथ 20% ऑक्सीजन का श्रोत हुआ ख़ाक
उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में सोमवार को कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की अग्रिम जमानत नामंजूर कर दी. न्यायमूर्ति गौड़ ने कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) मामले में पिछले साल एक फैसला सुनाते हुए उसे यहां आईटीओ स्थित अपना कार्यालय खाली करने को कहा था.