नई दिल्ली: एक तरफ जहां कोरोना वायरस से परेशान होकर वैक्सीन की राह देख रहे हैं. ऐसे में हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. स्वामी चक्रपाणि ने ट्वीट करते हुए दावा किया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दिया ज्ञापन दिया गया. कोरोना के वैक्सीन या दवा भारत में लाने से पहले सरकार या अंतरराष्ट्रीय कंपनियां देश को स्पष्ट करें की वैक्सीन या दवा में गाय का खून अथवा कोई भी ऐसे पदार्थ ना हो जो हिंदू सनातन धर्म की भावना को आहत करता है.
स्वामी चक्रपाणि ने ज्ञापन में कहा है कि जब तक यह साफ ना हो जाए कि यह वैक्सीन किसी तरह से बनाई जा रही है तब तक इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. मेरा भी मानना है कि कोरोना को जल्द खत्म किया जाना चाहिए लेकिन इसके चलते हम अपने धर्म को नष्ट्र नहीं कर सकते हैं. जब भी कोई भी दवाई या उत्पाद बनाया जाता है तो उसके बारे में सारी जानकारी दी जाती है कि उस उत्पाद को कैसे बनाया गया.
ऐसे में वैक्सीन को लेकर भी हमारा यही मानना है कि इसकी भी पूरी जानकारी हमे मिलनी चाहिए. हमे जानकारी मिली है कि अमेरिका की जो वैक्सीन तैयार हुई है, उसमें गाय के खून का इस्तेमाल किया गया है. ये बात किसी से भी नहीं छिपी है कि हिंदू धर्म में गाय को कितना पूजा जाता है.
स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि हम गाय को माता मानते हैं. ऐसे में अगर गाय का खून हमारे शरीर में जाएगा तो उससे हमारे धर्म को नुकसान पहुंचेगा. सनातन धर्म खतरे में सकता है. हमारे धर्म को खत्म करने के लिए सालों से साजिश रची जा रही है. जिसकी वजह से हम इस वैक्सीन को लेकर सवाल उठा रहे हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि जब सारे संशय दूर हो जाएंगे तब ही वैक्सीन लगाई जाए.