पांच साल बाद किसी के सामने भीख मांगने की नहीं पड़ेगी जरूरत
झारखंडी मेरा नाम है, झारखंडी मेरा पता है, पहचान है, मुझे यह गौरव है
रांचीः सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि यह सरकार आप लोगों के आशीर्वाद से बनी और आपके सरकार को 1 साल पूरे हो गए. इस पूरे राज्य के निर्माण में जिन भूमि पुत्रों ने भी अपनी कुर्बानी और बलिदान दिया है उन सभी महापुरुषों को भी मैं अपनी ओर से नमन करता हूं. आज बहुत लंबे समय के बाद आप लोगों के बीच मैं आज इतने बड़े मंच के माध्यम से मुखातिब हो रहा हूं. इसके लिए भी आप सभी लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहूंगा.
मैं आज इस मंच में जरूर आपके नेतृत्वकर्ता के रूप में हूं लेकिन मैं आप ही में से हूं. आप ही के बीच का रहने वाला हूं. झारखंडी मेरा नाम है, झारखंडी मेरा पता है, पहचान है और मुझे यह गौरव है और यह पहचान ही मेरे लिए सबसे बड़ी पहचान है.
आज आपके इस आशीर्वाद से विगत साल में जो उतार-चढ़ाव हम सभी लोगों ने मिलकर देखा. आज आप देखते होंगे लगभग पूरे राज और देश के अंदर लोगों के चेहरे ढ़के हुए, नाक मुंह ढ़का हुआ है. पहले ऐसी स्थिति नहीं थी. साल भर से पूरे देश-दुनिया में हालात एक है. वैश्विक महामारी पूरे धरती में छाया हुआ है जिसको हम आज के दिन में कोरोना कहते हैं.
कोरोना क्या है हमारे वैज्ञानिक के अलावा आम नागरिकों को बहुत अच्छी तरीके से पता नहीं है. लाखों लोगों की देश के अंदर मृत्यु हो गई. करोड़ों लोगों की दुनिया के अंदर मृत्यु हो गई. लेकिन झारखंड वासियों के सहयोग से हमारे सीमित संसाधन के साथ खड़े स्वास्थ्य कर्मियों ,पुलिस कर्मियों व ग्रामीण क्षेत्रों के महिला समूह की मदद से इस वैश्विक महामारी से छुटकारा पाने के लिए जो परिचय दिया है उस परिचय ने भी एक अलग इतिहास बना डाला है.
आज इस संक्रमण से लड़ने में अन्य राज्यों की तुलना करेंगे तो देश में हम लोग दूसरे तीसरे राज्यों में से होंगे जहां सबसे अच्छी व्यवस्था रही. इस संक्रमण में आप लोगों के बीच रहते रहते हमारे कई जनप्रतिनिधि- विधायक की भी जान चली गई. हाजी हुसैन अंसारी साहब हम लोग के बीच में नहीं है. मंत्री जगन्नाथ महतो कोरोना को मात देकर बहुत जल्द हम लोग के बीच में आएंगे. ऐसी हमें उम्मीद है.
खाली खजाने की चाबी सौंप दी गई
सीएम ने कहा कि हमें सत्ता मिली है तो किस तरीके की सत्ता मिली है. जब हमने सरकार के तहखाने तक जाने की कोशिश की तो पता चला कि वास्तव में जो राज्य खजाना है पूर्व की सरकार ने उस खजाने को खाली करके उसकी चाबी हमें थमा दी. हजारों करोड़ों रुपए का कर्ज भी अदा हम ही को करना है. लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं अगले 5 साल के बाद इस राज को किसी के सामने भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ना किसी वर्ल्ड बैंक की जरूरत पड़ेगी.