रांची: राज्यभर से 14वें वित्त आयोग (पंचायती राज) अंतर्गत कार्यरत कनीय अभियंता एवं लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर पुराने विधानसभा वाले ग्राउंड में एकत्रित हुए. इस संदर्भ का पत्र भी संघ के सभी कर्मी पुराने विधानसभा एकत्रित होंगे तथा 31 दिसंबर को ग्राउंड से मुख्यमंत्री आवास तक पैदल मार्च करते हुए जाएंगे.
उनलोगों ने कहा कि इसी को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र सौंपने के बावजूद रात के अंधेरे में लगभग 11:00 बजे एसपी के आदेशानुसार पुलिसकर्मी वहां पहुंचते हैं एवं भीड़ को तितर-बितर करने की मंशा से लगाए गए पंडाल, टेंट को उखाड़ना शुरू करती है तथा सभी कर्मियों को इधर-उधर भगाना शुरू करती हैं.
पुलिस-प्रशासन के इस दुर्भाग्यपूर्ण रवैये से दुखीत होकर हम सभी कर्मी रात के अंधेरे में ही बिरसा चौक पर एकत्रित हुए एवं इस अमानवीय तरीके का घोर विरोध किया. 14वें वित आयोग के अंतर्गत कार्यरत कर्मियों ने यह निर्णय लिया है कि जब तक सरकार हमारी मांगों को मान नहीं लेती है, तब तक हम बिरसा चौक पर ही अपना प्रदर्शन करते रहेंगे.
हमारी प्रमुख मांगों में सभी कर्मियों का समायोजन पंचायती राज विभाग में करना सबसे प्रमुख है. केंद्र सरकार से हम सभी का समायोजन का पत्र प्राप्त होने के बावजूद राज्य सरकार कमीशन खोरी की मंशा से आउटसोर्सिंग पर कर्मियों को बहाल करने की तैयारी विभागीय स्तर पर शुरू कर दी है.
सरकार जहां एक तरफ संविदा कर्मियों के नाम से घड़ियाली आंसू बहाती है. वहीं दूसरी तरफ 1600 कर्मचारियों को बेरोजगार करने की पूरी तैयारियां कर चुकी है.
विदित हो कि राज्यभर में 14वें वित्त आयोग (पंचायती राज) अंतर्गत प्रति प्रखंड दो कनीय अभियंता एवं प्रत्येक तीन पंचायत पर एक लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति पूरे राज्यभर में की गई थी, जिनकी सेवा अवधि आज 31 दिसंबर 2020 को समाप्त हो रही है, जबकि राज्य सरकार द्वारा अब तक किसी भी प्रकार का सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है.