रांची:- झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सरकार में किसानों को सहायता पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना के तहत सिर्फ 1000 करोड़ प्रावधान किया गया था लेकिन उस उस योजना के तहत भी किसानों को सभी किस्तों का भुगतान नहीं किया गया और सिर्फ चुनावी वर्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए ही इस योजना की शुरूआत की गई थी.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि गठबंधन सरकार और कृषि मंत्री बादल के अथक प्रयास से चुनावी घोषणा के अनुरूप किसानों की कर्ज माफी के लिए इस वित्तीय वर्ष में 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार ने यह प्रावधान सिर्फ चुनावी दृष्टिकोण से ही लागू नहीं किया है बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए यह कदम उठाया है. योजना के तहत प्रथम चरण में 50000 तक किसानों की कर्ज माफी की गई है.
उन्होंने कहा कि किसकी सरकार में फसल बीमा योजना के तहत किस तरह से राशि की बंदरबांट की गई यह सबको पता है,सिर्फ बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही सैकड़ों करोड़ रुपए का भुगतान किया गया लेकिन राज्य के किसानों को 10 से 15 करोड़ रुपए तक की फसल नुकसान क्षतिपूर्ति का ही लाभ मिल पाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस बार किसानों के फसल नुकसान के लिए सीधे किसानों तक की क्षतिपूर्ति की राशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत भी किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य योजना बनाई गई है.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कृषि मंत्री बादल और राज्य की गठबंधन सरकार पर सवाल उठाने के पहले भाजपा नेताओं को एक रात किसानों के समर्थन में सिंधु बॉर्डर पर हो जाना चाहिए ताकि उन्हें किसानों के दुख दर्द सही तरीके से पता चल सके. पत्रवीर और प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सिमटी भारतीय जनता पार्टी अपना वजूद खोती जा रही है और इसी तरह अगर सकारात्मक कार्यों की विवेचना की गई तो वह दिन दूर नहीं जब आम जनों का बढ़ता हुआ आक्रोश का सामना इन्हें करना पड़ेगा ,काले कानून को लेकर देश के तीन करोड़ अन्नदाता सड़कों पर बैठे हुए हैं और महिलाएं धान काट रही हैं ,प्रधानमंत्री मन की बात कह रहे हैं लेकिन किसानों की बात कोई सुनने वाला नहीं है.