दिल्ली: ब्रिटिशों की कॉलोनी रहे देश ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय से राष्ट्रगान को लेकर बहस जारी थी. हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रीय दिवस मनाने वाले ऑस्ट्रेलिया में एक बड़ा वर्ग इस दिन को ब्रिटिशों की घुसपैठ का दिन भी बताता रहा. पिछले कुछ समय से ब्लैक लाइव्स मैटर के बाद अब यहां स्वदेशी संस्कृति और इतिहास को तवज्जो देने के चलते दक्षिणपंथी सरकार द्वारा राष्ट्रगान के शब्दों में बदलाव किया जा रहा है. इस चर्चा के बीच आपको बताते हैं कि पहले कितने देश अपने राष्ट्रगानों में बदलाव करते रहे हैं.
दक्षिण अफ्रीका:
रंगभेदी शासन के शिकार रहे इस देश का राष्ट्रगान भी कथित तौर पर रंगभेद के सूत्र भीतर रखता था, जिसे 1997 में बदला गया. नया राष्ट्रगान दक्षिण अफ्रीका की पांच स्थानीय भाषाओं को मिलाकर तैयार किया गया जिसे चर्च में रंगभेद के खिलाफ पढ़ी जाने वाली एक सूक्ति पर आधारित बताया जाता है. जानकार यह भी कहते हैं कि दक्षिण अफ्रीका में सियासत में हुआ बदलाव गान बदले जाने का बड़ा कारण रहा.
कनाडा:
यहां राष्ट्रगान में बदलाव की कवायद 2018 में ज़ोरों पर थी. खबरों में कहा गया था कि उस वक्त राष्ट्रगान में लिंगभेद के जो संकेत थे, उन्हें बदलकर दुरुस्त किया जाना था, जिसके लिए संसद के स्तर पर कई तरह के प्रस्ताव पास किए गए थे. नये राष्ट्रगान को लिंगभेद से मुक्त करने की कोशिश की गई.
नेपाल:
सदियों तक इस देश में राजवंशों ने शासन किया यानी राजतंत्र रहा. लेकिन 2006 के लोकतांत्रिक आंदोलन के बाद नेपाल की अंतरिम विधायिका ने 2007 में राष्ट्रगान बदलने की प्रक्रिया को अंजाम दिया. नये राष्ट्रगान में राजतंत्र के बजाय नेपाल को एक राष्ट्र के तौर पर समझा गया.
जर्मनी:
18वीं सदी में देश के राष्ट्रगान को 19वीं सदी में बदला गया. 1951 में फिर बदलाव हुआ था और बंटे हुए जर्मनी में से यह पश्चिम जर्मनी का राष्ट्रगान बना था, जिसे बाद में फिर एक हुए जर्मनी का राष्ट्रगान भी माना गया. जर्मनी के राष्ट्रगान के बदले हुए रूपों में बदलती हुई राजनीति की झलक का इशारा साफ मिलता है कि कैसे नाज़ी समय में कुछ लाइनें थीं और कैसे बाद के समय में कुछ अलग लाइनें.
इराक:
तानाशाह कहे जाने वाले सद्दाम हुसैन का शासन काल 2003 में समाप्त होने के बाद यहां के राष्ट्रगान में तब्दीली की प्रक्रियाएं शुरू हुईं. हुसैन के शासन का गुणगान करने वाले गान को बदल देने की कवायद के सालों बाद भी इराक को एक उपयुक्त राष्ट्रगान नहीं मिल सका था. 2004 में हालांकि मॉतिनी गीत को इराक में बतौर राष्ट्रगान अपनाने की खबरें थीं, लेकिन मई 2020 की एक रिपोर्ट में कहा गया कि नए राष्ट्रगान और झंडे को होल्ड पर रख दिया गया.
रूस:
सोवियत यूनियन का पुराना राष्ट्रगान जोसेफ स्टालिन की स्तुति की तरह था. जब सोवियत संघ की व्यवस्था खत्म हुई और रूस एक अलग देश के तौर पर नक्शे पर आया तो साल 2000 में व्लादिमीर पुतिन प्रशासन द्वारा नए सिरे से राष्ट्रगान तैयार करवाया गया. इससे पहले भी 1956 में सोवियत के राष्ट्रगान को बदला गया था और फिर 1877 में भी स्टालिन के ज़िक्र को हटाकर एक और वर्जन आधिकारिक घोषित हुआ था.
इनके अलावा, राष्ट्रगानों में कुछ बदलावों को लेकर यूनाइटेड किंगडम का ज़िक्र रहा है. यहां राष्ट्रगान में किंग की जगह क्वीन शब्द लाया गया था. इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया समेत उन कई देशों ने अपने राष्ट्रगान बदले, जो ब्रिटेन से आज़ाद हुए. यही नहीं, अमेरिका के राष्ट्रगान को बदले जाने के पक्ष में भी कई विद्वान रहे हैं और रह-रहकर इस पर विवाद होता रहा है.