संवाददाता
रांची : बाजार में मिलने वाली सस्ती चीजें शरीर के लिए काफी घातक होते है. 130 करोड़ आबादी वाली देश में भारी संख्या में लोग बेरोगार है. इसका एक कारण यह भी है, कि कल कारखाने वाले लोगों आठवीं पार युवाओं को 6-8 हजार रुपये में बेंगलुरू और दिल्ली भेजते है. लेकिन लोग 6-8 हजार में पौसाई नहीं पड़ने पर लोग नहीं जाते है. जिसके कारण आज बेरोजगारी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. उक्त बातें नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने रांची के बीएनआर चाणक्य में एमवे इंडिया और एसोचेम द्वारा आयोजित फ़ूड, एग्रीकल्चर एंड डायरी नेशनल समिट कम अवॉर्ड में कहीं.
सीपी सिंह ने कहा, सस्ते रिफाइंड तेल में कई तरह के केमिकल होते है. भारत में बिना तेल के खाना बनाना काफी मुश्किल सा है. उन्होंने कहा चारों ओर मीडिया में मंदी की खबर छायी हुई है, पर मीडिया यह नहीं बता रही है की मंदी का स्तर क्या है. ऑटो मोबाइल सेक्टर घाटे में चल रहे है, पर इसका एक मुख्य कारण यह है कि बाजार में कारो की कीमत में बढ़ोत्तरी से यह मंदी ने दस्तक दी है. वहीं कृषि विभाग के विशेष सचिव सह सलाहकार प्रदीप कुमार हजारी ने बताया कि यह एसोचैम द्वारा नेशनल समिट का आयोजन किया गया है. इसमें फूड एग्रीकल्चर एंड डायरी के क्षेत्र में झारखंड की क्या भूमिका है और इस क्षेत्र में झारखंड में कितनी संभावना है. इस विषय पर विशेषज्ञों ने अपनी अपनी राय दी.
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उन्होंने ने कहा झारखंड में प्राइवेट क्षेत्र में एग्रीकल्चर का कितना प्रतिशत इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने पर विचार की गई है, ताकि प्राइवेट में इन्वेस्टमेंट करने वाले लोग इस क्षेत्र से जुड़ेंगे. इससे कृषि के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा झारखंड में हरी सब्जियों के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है. झारखंड से भिंडी, लाह, चिरौंजी, ईमली भारी मात्रा में बाहर जा रहे है, जिससे काफी मुनाफा हो रहा है. फिलहाल भारत के जीडीपी में झारखंड का 1.53 प्रतिशत ही योगदान है, लेकिन सब्जियों के उत्पादकता से भारत में झारखंड के सहयोग से बढ़ेगा. फिलहाल झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर, 16 प्रतिशत माइनिंग और 16 प्रतिशत कृषि के क्षेत्र से जीडीपी शामिल है. साथ ही 40-42 टन सब्जियां झारखंड से बाहर भेजी जा रही है.
डॉ मनोज मुरारका ने बताया कि हमें तेल खाने से नहीं डरना चाहिए, बस तेल का सलेक्शन हमलोगों ने गलत कर दिया है, जिसे ठीक करने की जरूरत है. हमलोग ने प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में काफी समय और पैसे की बर्बादी की है. उन्होंने कहा कि प्रचार- प्रसार की जगह खर्च किये गए पैसे को गुणवत्तापूर्ण सामग्री बनाने में खर्च किया जाना चाहिए, ताकि लोगों के लाइफ स्टाइल में हेल्दी बदलाव हो सकें. समिट को कांके विधाक जीतूचरण राम, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, एसचोम के रीजनल डायरेक्टर भारत जायसवाल, एमवे के सीबी चक्रबर्ती आदि ने संबोधित किया.